Kanpur: हैलो! मैं जिलाधिकारी बोल रहा हूं, आपकी शिकायत के निस्तारण का क्या हुआ? थाने पहुंचे DM, फरियादियों से की बात

कानपुर, अमृत विचार। सचेंडी थाने में समाधान दिवस पर शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह फरियादियों की शिकायतों का निस्तारण करने पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने जनसुनवाई के दौरान पाया कि समाधान दिवस रजिस्टर में समाधान के बाद दर्ज की गई आख्या गुणवत्तापूर्ण नहीं है। कुछ दिनों पूर्व सचेंडी निवासी मलखान सिंह ने कब्जे की शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी ने पीड़ित मलखान को फोन मिला दिया और पूछा कि क्या उनकी शिकायत का निस्तारण किया जा चुका है। लेकिन सचेंडी लेखपाल ने निस्तारण आख्या रजिस्टर में नहीं लिखीl
जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। दूसरा मामला सचेंडी में स्थित विकास डिलीवरी लि. कंपनी से जुड़ा था। जिलाधिकारी को पता चला कि कुछ अराजकतत्व कंपनी में कार्यरत महिलाओं से छेड़छाड़ करते हैं, लेकिन थाना समाधान रजिस्टर में निस्तारण आख्या यह लगाई गई कि समझौता कर दिया गया है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए पूछा कि आख्या किस आधार पर लगाई गई। जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त किया कि समाधान रजिस्टर में विपक्षी का मोबाइल नंबर क्यों नहीं लिखा गया।
उन्होंने थाना समाधान दिवस रजिस्टर में दर्ज किए गए सभी मामलों में से कितनों का निस्तारण किया गया, इसकी विस्तृत आख्या की संयुक्त रिपोर्ट अपर पुलिस आयुक्त पश्चिम तथा उप जिलाधिकारी सदर को शनिवार को ही प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। कला का पुरवा निवासी पीड़ित ने बेटी की ससुरालीजनों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। इस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी निरीक्षक को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इसी प्रकार सचेंडी निवासी सियादुलारी ने पूर्व में दिलीपपुर के दबंग पर भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किए जाने की शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ता को फोन मिलाया और बात की। जिसमें पता चला कि लेखपाल मौके पर आए थे और समस्या का निराकरण भी हो गया है, लेकिन दूसरी ओर उक्त के विषय में प्रार्थना पत्र तथा उसकी निस्तारण आख्या थाना रजिस्टर में दर्ज नहीं की गई, कोई निस्तारण साक्ष्य भी नहीं लगाया गया।