कानपुर में जिंदगी से ऊबकर मौत को लगाया गाले; आठवीं के छात्र समेत तीन के फंदे पर लटके मिले शव, फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य

सेन पश्चिम पारा, गोविंद नगर और चकेरी में हुई घटना

कानपुर में जिंदगी से ऊबकर मौत को लगाया गाले; आठवीं के छात्र समेत तीन के फंदे पर लटके मिले शव, फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य

कानपुर, अमृत विचार। शहर के अलग-अलग तीन थानाक्षेत्रों में आठवीं के छात्र, युवक और ई-रिक्शा चालक ने फांसी लगाकर जिंदगी से नाता तोड़ लिया। रविवार देर रात हुई घटना के बाद सोमवार सुबह तीनों के शव फांसी के फंदे पर लटकते मिला तो परिजनों की चीख-पुकार मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने गहनता से जांच पड़ताल की, लेकिन कोई सुसाइड नहीं मिला। पुलिस के अनुसार घटना के पीछे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। फिलहाल किसी पर कोई आरोप नहीं है। 

सेन पश्चिम पारा थानाक्षेत्र के न्यू आजाद नगर निवासी मुंबई में प्राइवेट नौकरी करने वाले सुनील जायसवाल का 14 वर्षीय छात्र यश जायसवाल उर्फ अज्जू सरस्वती ज्ञान मंदिर में आठवीं का छात्र था। पिता के अनुसार परिवार में सबसे बड़ी बेटी माही, यश फिर प्रतीक है। पत्नी गीता कुछ विवाद के बाद अलग रहती है। उन्होंने बताया कि नौकरी के कारण वह बाहर ही रहते हैं। घर पर बच्चे दादी जयंती और बाबा संतराम की देखरेख में रहते हैं। 

उनके अनुसार कि वह मुंबई से घर आने के लिए शनिवार को निकले थे। रविवार को वह जब घर पहुंचे तो यश मिल नहीं रहा था। जब उसने ढूंढने के लिए परिवार के सभी लोग प्रयास करने लगे तो छत का जीना अंदर से बंद मिला। वह लोग किसी तरह दूसरे की छत फांदकर अपनी छत पर पहुंचे तो देखा कि पानी की टंकी के सहारे साड़ी से उसका शव फांसी के फंदे पर लटक रहा था। जिससे वहां पर चीख-पुकार मच गई। 

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता के अनुसार वह तो होली की छुट्टी में घर आ रहे थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यहां बेटे की मौत की जानकारी मिलेगी। सेन पश्चिम पारा थाना प्रभारी के अनुसार पिता ने पूछताछ में बताया कि बड़ी बहन माही से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। जिस पर उसने डांट दिया था। इस बात से दुखी होकर उसने घटना को अंजाम दे दिया। 

इसी प्रकार जिला औरेया के राहतपुरवा व हाल पता चकेरी थानाक्षेत्र के न्यू आजाद नगर निवासी 39 वर्षीय नीरज शर्मा उर्फ मंटू ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छोटे भाई मनोज और पंकज ने बताया कि वह ई-रिक्शा चलाता था और बचपन से बुआ सोमवती के पास रहता था। बताया कि रविवार रात वह खाना पीना खाकर सोया सुबह उसने घटना को अंजाम दे दिया। 

वहीं गोविंद नगर थानाक्षेत्र में कच्ची बस्ती चप्पल कारीगर संजय का 18 वर्षीय पुत्र आशीष ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर जान दे दी। पिता के अनुसार वह दादा नगर में एक बिस्किट कंपनी में काम करता था। भाइयों शशांक, प्रशांत में सबसे छोटा था। वहीं तीन बहनों में दो की शादी हो चुकी है। 

पिता ने बताया कि रात को सब लोग मैच देखकर सो गए थे। सोमवार सुबह उठे तो देखा कि उसका शव फांसी के फंदे से लटक रहा था। जिस पर चीख-पुकार मच गई। उन लोगों को घटना के पीछे के कारणों का पता नहीं है। पुलिस अलग-अलग तीनों मामलों की जांच कर रही है।

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