Bareilly: फरीदपुर के उद्योग संकट में ! एनएचएआई नहीं बदलेगा फैसला...40 को कब्जा हटाने का नोटिस
महीनों के लिए उद्योगों के प्रभावित होने की आशंका जता रहे हैं उद्यमी

बरेली, अमृत विचार। उद्यमियों के भारी विरोध के बावजूद एनएचएआई ने फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र में सर्विस लेन बनाने का अपना फैसला बदलने से इन्कार कर दिया है। एनएचएआई अफसरों ने साफ किया है कि वे हाईवे की जद में आ रहे उद्योगों और दूसरे व्यावसायिक संस्थानों को नोटिस देना जारी रखेगा। फिलहाल अवैध कब्जे हटाने की मोहलत दी जा रही है। इसके बाद उन्हें हटाकर सर्विस लेन का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। एनएचएआई के इस कदम से औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित करीब दो सौ उद्योग संकट में घिर गए हैं।
लखनऊ हाईवे पर फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र कई साल पहले निजी भूमि पर स्थापित किया गया था। अब यहां दो सौ से ज्यादा उद्योग चल रहे हैं। उद्योगों के अलावा कई स्कूल और दूसरे व्यावसायिक संस्थान भी इस इलाके में स्थापित हैं। कई जगह हाईवे तक भारी अतिक्रमण भी है। एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों में आवाजाही के लिए हाईवे पर तमाम मीडियन कट खुले हुए हैं जिनकी वजह से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हादसे होते हैं। एनएचएआई मुख्यालय के निर्देशों के मुताबिक अब हाईवे पर अवैध कब्जों को हटाकर सर्विस रोड बनाने की तैयारी शुरू की गई है। फिलहाल उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब तक कई फैक्ट्रियों समेत 40 नोटिस जारी किए गए हैं। करीब डेढ़ सौ नोटिस और जारी किए जाने हैं।
सर्विस रोड के निर्माण से तमाम उद्योगों का रास्ता बंद हो जाने की आशंका है। इससे उद्यमियों में घबराहट का माहौल है। उद्यमियों की ओर से यह भी तर्क दिया जा रहा है कि सर्विस रोड के निर्माण के लिए बिजली की लाइनें शिफ्ट की जाएंगी, इससे हर साल सरकार को करीब दो सौ करोड़ का राजस्व देने वाले उद्योगों की बिजली आपूर्ति ठप हो जाएगी। स्थानीय लोगों को भी बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ हजारों पेड़ भी काटे जाएंगे जो पर्यावरण के लिए भारी क्षति होगी। मंगलवार को ही उद्यमियों की ओर से इस बारे में उपायुक्त उद्योग को पत्र लिखा गया था लेकिन एनएचएआई के आधिकारियों ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया है।
हर महीने होते हैं दो सौ सड़क हादसे
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र में बिना पहुंच मार्ग (एक्सेस परमिशन) के उद्योग और व्यावसायिक संस्थान स्थापित किए गए हैं। हाईवे की सीमा में निजी लोगों ने भी भारी अतिक्रमण किया है। इस वजह से हर महीने इस क्षेत्र में दो सौ से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।अफसरों का कहना है कि एनएचएआई की ओर से हाईवे पर अवैध कब्जों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2024 में कठोर टिप्पणी की थी। इसके बाद बरेली-सीतापुर प्रोजेक्ट क्षेत्र में हादसे कम करने के लिए सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं।
उद्यमियों से नहीं की गई कोई वार्ता
फरीदपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह ने बताया कि फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर फोरलेन हाईवे के निर्माण से पहले स्थापित हुआ था। उस दौरान यह स्टेट हाईवे था। आठ साल पहले जब इसे नेशनल हाईवे के रूप में एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया, तब से अब तक कोई वार्ता नहीं की गई। अब सर्विस लेन बनाने की तैयारी की जा रही है जिससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा। सबसे ज्यादा उद्यमी प्रभावित होंगे।
उद्यमियों समेत 40 संस्थानों को नोटिस
एनएचएआई के परियोजना निदेशक प्रशांत दुबे के मुताबिक परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत अब तक कई उद्यमियों समेत 40 संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं। करीब डेढ़ सौ नोटिस और जारी किए जाने हैं। फिलहाल अनधिकृत निर्माण हटाने की मोहलत दी गई है। हाईवे किनारे बगैर पहुंच मार्ग के कई स्कूल, फैक्ट्रियां और दूसरे संस्थान अनधिकृत तरीके से बने हैं। अगर वे मंत्रालय से आधिकारिक अनुमति प्राप्त कर लेते हैं तो कार्रवाई रोक दी जाएगी।
हाईवे पर स्ट्रीट लाइट लगाने से भी इन्कार
एनएचएआई के पीडी प्रशांत दुबे ने बताया कि पिछले दिनों उद्योग बंधु की बैठक में उद्यमियों ने डीएम से इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी से फतेहगंज पूर्वी तक करीब 40 किमी हिस्से में हाईवे पर हादसे कम करने के लिए डिवाइडरों पर हाईमास्ट लाइट लगाने की मांग की थी ताकि हाईवे पर अंधेरा न रहे लेकिन यह नेशनल हाईवे काफी लंबा मार्ग है। इस पर स्ट्रीट लाइट लगाना तकनीकी दृष्टिकोण से संभव नहीं है।