कोदो बाजरे की रोटी खाने से पांच लोगों की हालत बिगड़ी, 10 हाथियों की हो चुकी है मौत, जानिये क्या बोले डॉक्टर
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उमरिया। मध्यप्रदेश के उमरिया में सोमवार को एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को कोदो बाजरे की रोटी खाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रशासन ने यह जानकारी दी। कोदो बाजरे को गाय घास या चावल घास के रूप में भी जाना जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना नौरोजाबाद क्षेत्र में हुई और पांच लोगों को पहले पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, फिर उन्हें जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। अधिकारी के अनुसार उनमें तीन महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है।
पीड़ित रवि कोल (30) ने कहा कि हमने कल रात कोदो बाजरे की रोटियां खाईं। कुछ ही देर में मेरी मां चंदा बाई (60), मेरे भाई की पत्नी ज्योति (28), उसका बेटा अजीत (9), एक रिश्तेदार लालबतिया (60) और मुझे बेचैनी महसूस होने लगी। हमारे हाथ कांपने लगे, हमें चक्कर आने लगे और हमारी आंखों के सामने धुंधला छा गया। हम तुरंत पाली सीएचसी गए, जहां से हमें रात दो बजे उमरिया जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोल ने कहा कि कोदो बाजरा उन्हें उनके नियोक्ता द्वारा कृषि कार्य के लिए मजदूरी के रूप में दिया गया था।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एनएल रुहेला ने कहा कि कोदो खाने के बाद लोगों के बीमार पड़ने के कई मामले सामने आ रहे हैं। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फसल कटाई के बाद और ‘थ्रेसिंग’ से पहले बारिश के पानी के संपर्क में न आए। अगर यह लंबे समय तक पानी में भीगती है, तो इसमें ‘फंगस’ लग सकता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।’’ पिछले साल उमरिया के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) में ‘फंगस’ वाले कोदो बाजरा खाने से 10 हाथियों की मौत हो गई थी।
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