बरेली: दिशा की बैठक में छलका जनप्रतिनिधियों का दर्द...हमारी नहीं सुनते अफसर, जनता की क्या सुनेंगे
अफसरों पर बैठक में झूठे आंकड़े पेश करने के भी लगाए आरोप
बरेली, अमृत विचार। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में पेंशन, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसे कई मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों ने अफसरों को सवालों में घेरा। प्रमुख योजनाओं की समीक्षा के दौरान विधायकों और ब्लॉक प्रमुखों ने कहा कि सरकार की सभी योजनाएं कागजों में दुरुस्त हैं मगर असलियत में हाल बदहाल है। मुख्यालय पर बैठे कई अफसर मिलना तो दूर उनके फोन तक नहीं उठाते। किसी को कार्यालय भेजो तो भी टालमटोल कर देते हैं।
विकास भवन सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद छत्रपाल गंगवार सिंह ने मनरेगा, जलजीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ, पीएम आवास (ग्रामीण) आदि योजनाओं की समीक्षा की। समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान फरीदपुर विधायक प्रो. श्यामबिहारी लाल समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर पर हमलावर हो गए। डीएम से कहा, विभाग का नाम जितना अच्छा है, इन्होंने लोगों को उतना ही परेशान कर रखा है। लोगों को किसी योजना की जानकारी नहीं दी जाती, न कैंप लगाए जा रहे हैं। पारिवारिक लाभ योजना के जो आंकड़े बताए गए हैं, वे झूठे हैं। डीपीआरओ कमल किशोर भी वर्मी कंपोस्ट निर्माण कराने, आरआरसी सेंटर और सामुदायिक शौचालय के मामले में निशाने पर रहे।
फरीदपुर विधायक ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में चार सौ गांव हैं। डीपीआरओ अधिकांश गांवों में वर्मी कंपोस्ट बनने की बात कह रहे हैं। एमएलसी कुंवर महाराज सिंह ने डीपीआरओ से कहा, एक गांव का नाम बता दीजिए जहां वर्मी कंपोस्ट बना हो। डीपीआरओ यह जानकारी नहीं दे सके। तकनीकी सहायकों से भी सांठगांठ के आरोप लगाए गए। विधायक ने कहा कि संविदा पर रखे कंसल्टेंट इंजीनियरों से निर्माण कार्यों का मेजरमेंट कराया जाता है, कमीशन न मिलने की वजह से स्थाई कर्मियों से यह काम नहीं लिया जाता।
जल जीवन मिशन ग्रामीण की एक्सईएन ने पाइप लाइन डालने को खोदी गई गलियों को पक्का कराने का आंकड़ा बताया तो उसका जमकर विरोध हुआ। फरीदपुर और नवाबगंज के विधायक के साथ भदपुरा और शेरगढ़ के ब्लॉक प्रमुख ने आंकड़ों को फर्जी बताते हुए साक्ष्य दिखाने की मांग की। भोजीपुरा विधायक शहजिल इस्लाम ने सीबीगंज में नाले पर अतिक्रमण और स्ट्रीट लाइट न होने का मुद्दा उठाया। नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य बिजली विभाग के अफसरों पर जमकर बिफरे। बोले, उनके बार-बार पत्र लिखने और फोन करने के बाद भी एक्सईन अनसुनी कर देते हैं। पूरा पैसा जमा करने के बाद भी एक व्यक्ति का चार महीने से ट्रांसफार्मर का एस्टीमेट लटकाए हुए हैं। डीएम ने बैठक में मौजूद चीफ इंजीनियर को इस मामले में तत्काल रिपोर्ट मांगने का निर्देश दिया।
एनएचएआई के पीडी के न आने पर नाराज हुए विधायक
एनएचएआई के पीडी प्रशांत दुबे के बैठक में न आने पर जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई। डीएम ने उनका स्पष्टीकरण मांगने की बात कही। सभी अफसरों को निर्देश दिया कि अगली बैठक में पूरी कार्ययोजना और आंकड़ों के साथ शामिल हो। बैठक में वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, अताउर्रहमान, ब्लॉक प्रमुख रवि गंगवार, भूपेंद्र कुर्मी, योगेश पटेल, दुष्यंत सिंह, सीडीओ जग प्रवेश, नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य, डीडीओ दिनेश कुमार, डीसी मनरेगा मो. हसीब अंसारी, पीडी तेजवंत सिंह आदि मौजूद रहे।
संयुक्त कमेटी करेगी सामुदायिक शौचालयों की जांच
जनप्रतिनिधियों ने सामुदायिक शौचालयों की बदहाली का मुद्दा उठाया। विधायकों और ब्लॉक प्रमुखों ने कहा कि सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव के नाम पर हर महीने लाखों का चूना लगाया जा रहा है। इनमें ताले लटके रहते हैं। केयर टेकर भी कागजों में तैनात हैं। आंवला सांसद नीरज मौर्य ने कहा कि तीन दिन पहले वह एक गांव में गए थे जहां शौचालय काफी बदहाल था। डीएम रविंद्र कुमार ने इस पर बीडीओ, एडीओ और नायब तहसीलदार की संयुक्त कमेटी बनाकर जांच कराने और गड़बड़ियां मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कराने की बात कही। जनप्रतिनिधियों से बोले, चूंकि शौचालयों की जिम्मेदारी प्रधानों के पास है, इसलिए अगर उनके खिलाफ भी एफआईआर करानी पड़ी तो कराई जाएगी। बाद में वे उनकी पैरवी न करें।
नीरज मौर्य बोले- अफसर दलालों से खुश, जनता की क्यों सुनेंगे
सपा सांसद नीरज मौर्य ने बैठक में कहा कि पेंशन, पारिवारिक लाभ और आवास समेत कई योजनाओं पर दलाल हावी हैं। उन्हीं के जरिए सारे काम होते हैं। अफसर भी दलालों से खुश रहते हैं। मझगवां में शिक्षिका से अभद्रता करने वाले हेडमास्टर पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी उसे निलंबित न करने पर भी नाराजगी जताई। कहा, खुद उन्होंने बीएसए को बताया था कि शिक्षिका काे डराया-धमकाया जा रहा है लेकिन बीएसए ने इसे अनसुना कर दिया। बीएसए ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दे ही रहे थे कि बिथरी विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने हस्तक्षेप करते हुए उनसे कहा, मामला कुछ और है...दोनों पक्ष जानने के बाद ही कार्रवाई करना। बिशारतगंज में सीएचसी और पीएचसी बनाने के साथ तीन सौ बेड अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने का मुद्दा भी सांसद नीरज मौर्य ने उठाया। सीएमओ से कहा, जनप्रतिनिधियों की ओर से प्रस्ताव मांगकर सरकार को भेजें। हम इसकी पैरवी करेंगे।
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