Mahakumbh 2025: पहले 'अमृत स्नान' पर महाकुंभ में उमड़ा भक्तों का सैलाब, आज 3.50 करोड़ ने लगाई आस्था की डुबकी
महाकुम्भ नगर। महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार को 13 अखाड़ों के साधु संतों ने बारी-बारी अमृत स्नान किया। मेला प्रशासन के मुताबिक, मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। अखाड़ों के अमृत स्नान में सबसे पहले सन्यासी अखाड़ों में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने ‘हर हर महादेव’ के घोष के साथ संगम पर अमृत स्नान किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, " प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।"
आस्था, समता और एकता के महासमागम 'महाकुम्भ-2025, प्रयागराज' में पावन 'मकर संक्रांति' के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 14, 2025
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मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025 में गंगा स्नान करने वालों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक भावपूर्ण पोस्ट के जरिए आस्था, समता और एकता के इस महासमागम में शामिल पूज्य संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया।
योगी ने कहा, “ सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद।”
इस मौके पर उन्होंने प्रदेशवासियों और श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं दीं और आस्था के इस महायज्ञ के सुचारु रूप से चलने की कामना करते हुए उन्होंने लिखा, ‘पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें।’ महाकुम्भ 2025 में मकर संक्रांति पर संगम तट पर उमड़ी भक्तों की भीड़ और उनके उत्साह ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति और परंपरा की अद्वितीय छवि प्रस्तुत की।
अमृत स्नान के उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतनगिरी जी महाराज ने कहा, “हर 12 साल में पूर्ण कुंभ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुंभ होने पर 144 साल बाद यह महाकुंभ आता है। बहुत भाग्यशाली लोगों को महाकुंभ में स्नान का अवसर मिलता है। महानिर्वाणी अखाड़े से 68 महामंडलेश्वर और हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया।”
अमृत स्नान के अगले क्रम में तपोनिधि पंचायती निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा के साधु संतों ने अमृत स्नान किया जिसमें सबसे आगे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी थे और उनके बाद अखाड़ा के झंडे और फिर आराध्य देवता कार्तिकेय स्वामी और सूर्य नारायण पालकी पर सवार थे। इनके पीछे नागा सन्यासियों की टोली थी और इन सभी के बीच निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि एक भव्य रथ पर सवार थे। अमृत स्नान के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “निरंजनी के 35 महामंडलेश्वरों ने और हजारों की संख्या में नागा सन्यासियों ने अमृत स्नान किया।”
निरंजनी अखाड़े की साध्वी और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, “घाट पर युवाओं की भीड़ यह बताती है कि युवाओं में सनातन धर्म के प्रति कितनी आस्था है। जब भी किसी ने सनातन धर्म को चुनौती दी, युवा और संत समाज ने आगे आकर धर्म की रक्षा की।” निरंजनी और आनंद अखाड़े के बाद जूना अखाड़े, आवाहन अखाड़े और पंचअग्नि अखाड़े के हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया। जूना के साथ ही किन्नर अखाड़े के संतों ने भी गंगा में डुबकी लगाई। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भव्य रथ पर सवार होकर स्नान घाट पर आए और उनके साथ हजारों की संख्या में नागा सन्यासी भी थे।
सन्यासी अखाड़ों के बाद तीन बैरागी अखाड़ों- पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा ने बारी बारी से स्नान किया। इनके बाद उदासीन अखाड़ों- पंचायती नया उदासीन और पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े ने स्नान किया। सबसे आखिर में पंचायती निर्मल अखाड़ा के साधु संतों ने अमृत स्नान किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, "यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है।
आज लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन।" कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद प्रयागराज में हर दिशा से जनसैलाब सुबह से ही संगम की ओर जाता दिखाई दिया। आम श्रद्धालु स्नान के साथ ही संगम क्षेत्र में अखाड़ों के साधु संतों के भी दर्शन कर रहे हैं। इधर, संगम स्नान करके अपने गंतव्यों की ओर लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए नगर के विभिन्न चौराहों और मुख्य मार्गों पर नगर वासियों द्वारा व्यापक स्तर पर सब्जी पूड़ी और खिचड़ी प्रसाद वितरण किया जा रहा है।
पुराने शहर के मुट्ठीगंज चौराहे के पास राम जानकी मंदिर के नाम पर भंडारा चला रहे भक्तों में से एक मुकेश चंद्र जायसवाल ने बताया कि आज सुबह छह बजे से ही पूड़ी सब्जी और खिचड़ी एवं हलुआ का भंडारा निरंतर जारी है और यह रात 11 बजे तक चलेगा।
वहीं जीरो रोड चौराहे पर प्रभु कृपा प्राचीन बाल रूप हनुमान मंदिर त्रिपौलिया के नाम से भंडारा चला रहे पंडित किशोर कुमार पाठक ने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालुओं को खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जा रहा है ताकि वे प्रयागराज के बारे में अच्छा अनुभव लेकर जाएं।