बाघ का आतंकः ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग सहित पुलिस ने संभाला मोर्चा

डीसीपी ने प्रभावित गांव का किया दौड़ा ग्रामीणों को दिए निर्देश

बाघ का आतंकः ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग सहित पुलिस ने संभाला मोर्चा

लखनऊ, अमृत विचार: मलिहाबाद लखनऊ केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा में 38 दिनों से बाघ की चहलकदमी से ग्रामीण भयभीत हैं। बाघ अपनी दहशत संस्थान के आस पास के गांव में रहने वाले ग्रामीणों में बनाये हुए हैं। ग्रामीण बाघ की दहशत से अपनी दिनचर्या के काम भी नहीं कर पा रहे हैं। शुक्रवार को ग्रामीणों को मीठे नगर के पास घने जंगल के जोन 2 में एक नीलगाय का मृत शव पड़ा मिला था जिसको बाघ ने अपना निवाला बनाया था। वन विभाग की टीम लगातार जुटी हुई है लेकिन अभी तक बाघ को पकड़ने में सफलता हाथ नही लगी है। बाघ अब संस्थान से निकल कर हलवापुर एवं मंडौली गांव मे अपना नया ठिकाना बना चुका है।बाघ रात के अंधेरे में शिकार कर बेहता नाला में पानी पी कर घनी झाड़ियों में आराम करता है।

शनिवार को डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव और एसीपी काकोरी शकील अहमद ने बाघ के ख़ौफ में जीवन जी रहे ग्रामीणों से मिलने दुगौली पहुंचे। जहां पर डीसीपी और एसीपी ने ग्राम प्रधान रवि यादव और ग्रामीणों के साथ एक बैठक कर चर्चा की।

बैठक में मौजूद पुलिस से ग्रामीणों ने बताया कि बाघ अब रहमानखेड़ा से मंडौली के पास जंगल में अपना नया ठिकाना बना चुका है। शनिवार को ग्रामीणों को इस क्षेत्र में बाघ के पदचिन्ह भी मिले हैं।

ग्रामीणों की अब रक्षा करेगी पीएसी

बाघ की दहशत के बीच डीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव और एसीपी शकील अहमद ने दुगौली के ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनको बाघ की दहशत को कम करने के बचाव और उपाय साझा किये। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि तेज आवाज और शोरगुल कर खेतों और बागों में झुंड बना कर जाएं। उलरापुर, मीठे नगर, मंडौली, बुधड़िया, हाफिज़खेड़ा कुसमौरा, खालिसपुर, दुगौली और सहिलामऊ में पीएसी के जवान वन विभाग की टीम के साथ काम्बिंग करेंगे।

वहीं जिला वन अधिकारी सितांशु पांडे ने बताया की शुक्रवार को किल बेट नीलबैल के निकट कैमरा लगाया गया है अगर दोबारा उस स्थान पर आता है तो उसकी पहचान होगी और उसकी स्थिति का पता लगाना आसान होगा हथनिया डायना और सुलोचना भी लगातार कार्य कर रही है बाघ लगातार अपने ठिकाने बदल कर शिकार कर रहा है।

पड़वे का आधा खाया हुआ शव मिला

नीलगाय के शिकार के एक दिन भी नहीं गुजरा था कि उसी स्थान के सौ कदम दूरी पर एक पड़वा का आधा खाया हुआ शव मिलने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों के अनुसार गांव के सौ मीटर निकट पतावर के जंगल के एक छोटी की तलईया जिसमे बाघ रोज रात में 3 से 6 बजे के बीच पानी पीने आता है और वहीं सागौन के पेड़ों के निकट बैठ कर अपना शिकार करता है। वन विभाग के नोडल अधिकारी चंदन चौधराई ने बताया कि वन विभाग ने उसी स्थान पर ट्रैप कैमरा लगाकर बाग की निगरानी चालू कर दी है। कल उसी स्थान पर मचान बनाकर दुधवा से आए हुए डॉक्टर को निगरानी के लिए लगाया जाएगा।

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