पेशाब की थैली से निकाला गेंद जितना ट्यमूर: कानपुर के हैलट अस्पताल के सर्जरी विभाग में करीब 10 घंटे तक चली जटिल सर्जरी

दावा-ऐसा ऑपरेशन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पहली बार किया

पेशाब की थैली से निकाला गेंद जितना ट्यमूर: कानपुर के हैलट अस्पताल के सर्जरी विभाग में करीब 10 घंटे तक चली जटिल सर्जरी

कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने करीब 10 घंटे ऑपरेशन करके युवक के पेशाब की थैली से गेंद के आकार (400 ग्राम) का ट्यूमर निकाला। छोटी आंत से उसकी पेशाब की नई थैली (नियोब्लैडर) भी बनाई। दावा है कि ऐसा ऑपरेशन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पहली बार किया है। यह कैंसर पहली स्टेज में पकड़ आया, वर्ना अन्य अंगों में भी फैल सकता था। 

फतेहपुर निवासी 28 वर्षीय युवक को पेशाब करने में तकलीफ, दर्द व जलन और खून आने की समस्या थी। निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने मूत्राशय में बड़े ट्यूमर की जानकारी दी और दोनों गुर्दों में परक्यूटेनियस नेफ्रोस्टॉमी ट्यूब लगाई। कीमोथेरेपी शुरू की गई। इसके बाद भी ट्यूमर का आकार बढ़ता देख निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये। 

एक माह पहले परिजन युवक को लेकर हैलट के यूरोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ.अनिल जे बैद के पास पहुंचे। भर्ती कर जरूरी जांचें कराकर उपचार शुरू किया गया। सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला के नेतृत्व में डॉ.अनिल बैद व डॉ.अभिषेक गौड ने जेआर डॉ. मोहम्मद साकिब अली, डॉ.पवनी वात्सल, डॉ.गीता और डॉ. दुर्गेश के साथ मिलकर करीब 10 घंटे तक ऑपरेशन किया। 

एनेस्थिसिया टीम में डॉ. रचना, वरिष्ठ रेजिडेंट्स में डॉ. मीनाक्षी, डॉ. कृष्णा व डॉ. शिखा ने सहयोग किया। मूत्राशय से गेंद के आकार का करीब 400 ग्राम का ट्यूमर निकाला गया। यह ऑपरेशन दूरबीन विधि और ओपन विधि से किया गया। 

पिचर्स पॉट विधि से बनाया आंत से नया मूत्राशय 

प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि मरीज की छोटी आंत के छोटे से भाग से नया मूत्राशय  (नियोब्लैडर) बनाया गया, जिसमे पिचर्स पॉट विधि का इस्तेमाल किया गया। यह सर्जरी बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन टीम ने इसे पूरी तरह सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज अब पहले से काफी स्वस्थ है।

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