Kanpur में पान मसाला फैक्ट्रियों के अंदर लगेंगे डीवीआर, SGST ने लगाई अधिकारियों-कर्मचारियों की फौज, करेंगे 24 घंटे निगरानी
कानपुर, अमृत विचार। एसजीएसटी विभाग ने आठ पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर 24 घंटे अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती बढ़ा दी है। इसके साथ ही अब फैक्ट्रियों के अंदर की गतिविधियों पर भी 24 घंटे निगरानी की जा सकेगी। इसके लिए फैक्ट्रियों में डिजिटल वीडियो रिकार्डर (डीवीआर) लगाए जाएंगे। इससे फैक्ट्री के अंदर उत्पाद की गुणवत्ता और मात्रा पर नजर रखी जाएगी।
बिना ई-वे बिल के माल ले जाने के मामले में एसजीएसटी के चार अधिकारियों की मिलीभगत सामने आने के बाद विभाग अब चौकसी का स्तर और बढ़ा रहा है। कानपुर जोन-2 के अपर आयुक्त ग्रेड-2 कुमार आनंद ने शुक्रवार से ट्रासपोर्ट नगर में मधु पान मसाला, मधु जर्दा, शिखर पान मसाला, केसर पान मसाला, तिरंगा पान मसाला, मंधना में शुद्ध प्लस, उन्नाव में रिमझिम इस्पात फैक्ट्री के दोनों गेटों पर 75 अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है।
फैक्ट्रियों के बाहर आठ टीमें सुबह 8 से रात 8 बजे तक और दूसरी आठ टीमें रात 8 से सुबह 8 बजे तक रोस्टर के अनुसार तैनात होंगी। ई-वे बिल चेक कर उसकी स्कैनिंग के साथ ही वाहन में लदे माल की गुणवत्ता और उसकी मात्रा का भी आकलन करेंगी। उच्च अधिकारियों की टीम आकस्मिक निरीक्षण कर जांच करेगी।
अपर आयुक्त कुमार आनंद ने बताया कि टैक्स चोरी को पूरी तरह से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। तैनात टीमें गड़बड़ी की आशंका पर अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करेंगी। फैक्ट्रियों के दोनों गेटों पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही फैक्ट्रियों में डीवीआर सिस्टम लगाने की भी तैयारी है। इससे फैक्ट्री के अंदर माल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों रिकार्ड की जा सकेंगी। इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
इसलिए बढ़ी चौकसी
तंबाकू जनित उत्पाद होने की वजह से पान मसाला उद्योग पर 188 प्रतिशत टैक्स है। इसमें 28 प्रतिशत में 14 प्रतिशत जीएसटी केंद्र और 14 राज्य को मिलता है। 160 प्रतिशत टैक्स तंबाकू की वजह से है। लखनऊ में टैक्स चोरी का मामला सामने आया था, जिसमें चार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था। इसके बाद विभाग ने फैक्ट्रियों में निगरानी बढ़ा दी।