नैनीताल में मौसम खुशनुमा, पर्यटन स्थलों पर बढ़ी रौनक
नैनीताल, अमृत विचार: इन दिनों पहाड़ों पर मौसम ने अपनी मेहरबानियों का आभास करवा दिया है, जिससे नैनीताल पहुंचे सैलानियों का आनंद कई गुना बढ़ गया। गुनगुनी धूप और नैसर्गिक सुंदरता ने नगर के पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ा दी है। गुरुवार को सैलानियों के चेहरों पर खुशी की झलक साफ देखी जा रही थी, जो इस सुखद मौसम का पूरी तरह से आनंद ले रहे थे। हालांकि मैदानी इलाकों में ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, लेकिन पहाड़ों का मौसम बेहद खुशनुमा हो चला है।
सैलानियों का रुझान नगर के विभिन्न पर्यटन स्थलों की ओर है। विराट हिमालय के दृश्य के लिए स्नोव्यू, हिमालय दर्शन और टिफिनटॉप पहुंचने वालों की संख्या में वृद्धि देखी गई। वहीं, नैनी झील में नौका विहार करने वालों का तांता लगा रहा। झील में तैरती नौकाओं की कतारें दृश्य का आकर्षण बन रही थीं। इसके अलावा, रोमांचक पर्यटन के शौकिन सैलानी नयनापीक की चोटी की ओर भी पहुंचे।
मालरोड की रंगत में चहलकदमी करते हुए सैलानियों ने खूब आनंद लिया। जिससे नगर की सड़कों पर रौनक बनी रही। तिब्बती बाजार, भोटिया बाजार और बड़ा बाजार में खरीदारी करने वाले सैलानी बड़ी संख्या में दिखाई दिए। केव गार्डन, बॉटनिकल गार्डन और सरिताताल में भी पूरे दिन सैलानियों की आवाजाही रही। दिन के समय हल्के बादल छाए रहे, लेकिन इसका तापमान पर कोई खास असर नहीं पड़ा।
हालांकि, देर शाम बादलों से ठंड में इजाफा हो गया। दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश से सैलानी बड़ी संख्या में नैनीताल पहुंच रहे हैं, जिससे पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वीकेंड तक और भी सैलानी पहुंचेंगे। अगर मौसम इसी तरह मेहरबान रहा, तो सैलानियों की आमद लगातार बनी रहेगी। इधर, जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, गुरुवार को नगर का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम ने बदली पर्यटन की तस्वीर
नैनीताल: बदलते मौसम ने नैनीताल के शीतकालीन पर्यटन की तस्वीर बदल दी है। आज से दो दशक पहले तक शीत ऋतु में सैलानियों के दर्शन दुर्लभ हो जाते थे। तब शायद ही हफ्ते-महीने में एकाद पर्यटक नजर आता था। इसकी वजह भीषण ठंड हुआ करती थी। तापमान शून्य से नीचे पहुंच जाया करता था। तब पूरा नगर खाली हो जाता था। मगर अब मौसम के हालत बदल चुके हैं और नगर के पर्यटन की तस्वीर और तकदीर भी बदल चुकी है।