2024 में साइबर पुलिस ने पीड़ितों को लौटाए 10.26 करोड़

2024 में साइबर पुलिस ने पीड़ितों को लौटाए 10.26 करोड़

रुद्रपुर, अमृत विचार: वर्ष 2024 को अलविदा कहने के साथ ही वर्ष 2025 में जनपद की साइबर पुलिस ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए और ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया है। वर्ष 2024 की कार्रवाई को देखें तो जनपद साइबर पुलिस ने दस करोड़ से अधिक की रिकवरी करते हुए पीड़ितों के खाते में धनराशि को लौटाई। रिकवरी में देखा गया है कि कप्तान मणिकांत मिश्रा के चार माह के कार्यकाल में साढ़े नौ करोड़ की रिकवरी हुई है। 


पुलिस कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों में जनवरी वर्ष 2024 में जनपद में साइबर अपराधों का बहुत तेजी से ग्राफ बढ़ा था। जब साइबर अपराधों का ग्राफ बढ़ा तो जनपद की साइबर पुलिस ने भी अपनी तकनीक को अपडेट किया। शिकायती पत्र आते ही जनपद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और 10.26 करोड़ की रिकवरी करते हुए पीड़ितों के खाते में लौटाई।


यह रिकवरी एक वर्ष में हुए 265 साइबर अपराधों के प्रकरणों में हुई है। आंकड़ों के अनुसार सितंबर माह में जब एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने दायित्व शुरू किया। चार माह के कार्यकाल में 9.50 करोड़ की रिकवरी करवाई, जबकि वर्ष 2023 में महज 1.11 करोड़ की ही रिकवरी हुई थी।



हर वक्त अपने को अपडेट करते हैं साइबर ठग
रुद्रपुर। वर्ष 2023 हो या फिर वर्ष 2024 में होने वाले साइबर अपराध जितना साइबर पुलिस अपने को अपडेट करती थी। उससे ज्यादा साइबर अपराधी ठगी के नये-नये आयाम स्थापित करते दिखे। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में सबसे पहले व्हाट्सएप पर हनी ट्रैप शुरू हुआ। उसके बाद फेसबुक या फिर इंस्टाग्राम पर नौकरी दिलाने, ऑनलाइन ट्रेडिंग, कम निवेश में ज्यादा मुनाफे का दौर शुरू हुआ जो वर्ष 2024 मार्च माह तक चला। उसके बाद ठगी का नया वर्जन आया। इसमें ऑनलाइन कस्टडी, संगीन अपराधों के नाम पर, ऑनलाइन बिटस तरीके में तमाम लोग फंसे।

 

115 बार पुलिस ने चलाया अभियान
साइबर निरीक्षक योगेश चंद्र उपाध्याय ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जहां पुलिस ने तकनीक के माध्यम से धरपकड़ की कार्रवाई की। वहीं 115 बार सजगता, प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों के अलावा बहुउद्देशीय शिविर लगाकर प्रशिक्षण दिया गया और प्रयास किया कि लोग सजग रहें। कारण सजगता ही साइबर अपराधों को रोक सकती है। 



आधुनिकता की दौर में साइबर अपराध एक ऐसा आधुनिक अपराध बन गया है कि अब बिना हथियार व लूट-डकैती के देश के कोने में बैठकर साइबर अपराध किया जा सकता है। साइबर अपराध के बढ़ते कदम को रोकने के लिए जिले की साइबर पुलिस को अपडेट करने के साथ ही सजग बनाया गया। उसका परिणाम यह हुआ है कि वर्ष 2024 में 10.26 करोड़ की रिकवरी हुई और चार माह में साढ़े नौ करोड़ रुपये पीड़ितों के खाते में समायोजित किए। आगे भी साइबर पुलिस को आधुनिक पुलिस बनाकर रोकथाम की कोशिशें जारी रहेगी।