राष्ट्रीय खेल: उत्तराखंड में बनेगा वॉलंटियर डाटा बेस
देहरादून, अमृत विचार: 38 वें राष्ट्रीय खेलों के बहाने उत्तराखंड स्वयंसेवकों (वॉलंटियर्स) का डाटा बेस बनाने में जुटा है। जिस तरह से प्रदेश में बड़े आयोजनों का माहौल बनने लगा है, उसे देखते हुए डाटा बेस की जरूरत महसूस हो रही है। खेल विभाग ने इसके लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
विशेष प्रमुख खेल सचिव/मुख्य कार्यकारी अधिकारी,राष्ट्रीय खेल अमित सिन्हा कहते हैं कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान तमाम तरह की व्यवस्थाएं बनाने में वॉलंटियरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। हमारी कोशिश है कि इस आयोजन में हम इनका डाटा बेस बना लें। इस क्रम में संबंधित व्यक्ति का संपूर्ण विवरण हमारे पास उपलब्ध हो जाए। रजिस्ट्रेशन कराने वाले हर व्यक्ति को हम आवश्यक जानकारी देंगे। बताएंगे कि एक वॉलंटियर की भूमिका किस तरह की होती है। डाटा बेस बनने के बाद भविष्य में जब भी बडे़ आयोजन के लिए वॉलंटियर की जरूरत होगी तो आसानी से वे उपलब्ध रहेंगे।
वॉलंटियर बनने का क्या फायदा
इन दिनों राष्ट्रीय खेलों के संबंध में वॉलंटियर्स की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है। रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी लोगों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। दो से ढाई हजार जिन वॉलंटियर का चयन होगा, उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा। बाद में उन्हें अलग से राष्ट्रीय खेल का प्रमाणपत्र भी जारी होगा। चयनित वॉलंटियर को टीए/डीए भी मिलेगा। रजिस्ट्रेशन पूरे हो जाने के बाद चयन प्रक्रिया शुरू होगी।
चाहिए 2500, रजिस्ट्रेशन हो गए 30 हजार
राष्ट्रीय खेलों के दौरान वॉलंटियर बनने के लिए लोगों का उत्साह बरकरार है। अभी तक 30 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। राष्ट्रीय खेलों के लिए दो से ढाई हजार वॉलंटियर्स की ही जरूरत। रजिस्ट्रेशन कराने वालों में बड़ी संख्या में छात्राएं और महिलाएं भी हैं।
भविष्य में मानव संसाधन की आवश्यकता
खेल विभाग के अफसरों का मानना है कि इस महाआयोजन के बहाने वॉलंटियर का डाटा बेस तैयार करना भविष्य के लिहाज से उपयोगी रहेगा। उत्तराखंड ने हाल के दिनों में इन्वेस्टर समिट, जी-20 समिट जैसे बडे़ और सफल आयोजन किए हैं। बडे़ आयोजनों के लिए बन रहे माहौल के बीच भविष्य में मानव संसाधन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए ही डाटा बेस तैयार करने पर अब कदम बढ़ रहे हैं।