जंगलों में जाने वाली जिप्सियों की एप से होगी ‘ट्रैकिंग’
हल्द्वानी, अमृत विचार। पहली बार जंगलों में पर्यटकों को लेकर जाने वाली जिप्सियों पर एप के जरिए नजर रखी जाएगी। जंगलात का दावा है कि इस निगरानी से पर्यटकों की सुरक्षा तो होगी। साथ ही जिप्सी चालकों के पर्यटकों को बाघ या तेंदुआ दिखाने के लिए निर्धारित रूट के अतिरिक्त जंगलों में ले जाने पर भी नकेल कसेगी।
अमूमन वन डिवीजनों में बने पर्यटन जोनों में जिप्सियों से पर्यटकों को लेकर जाया जाता है। इन जोनों में मार्ग बने होते हैं और रूट निर्धारित होते हैं। जिप्सी चालकों को इन निर्धारित रूटों पर ही चलना होता है लेकिन चालक पर्यटकों को बाघ, तेंदुए, हाथी वगैरह दिखाने के लिए जिप्सी को यहां-वहां ले जाते हैं। मानकों का उल्लंघन करने पर वन्यजीवों और पर्यटकों की सुरक्षा दोनों के साथ खिलवाड़ होता है। वन अफसर ऐसे जिप्सी चालकों को चेतावनी देते हैं, उनके परमिट निरस्त करते हैं लेकिन कड़ा निगरानी तंत्र नहीं होने की वजह से इन शिकायतों पर लगाम नहीं कस पाती है। इन कमियों को देखते हुए जिप्सी चालकों को निगरानी के लिए वन विभाग ने तकनीकी को शस्र बनाया है। पहली बार जिप्सियों की एप के जरिए ट्रैकिंग की जाएगी। इसकी शुरुआत हल्द्वानी वन डिवीजन के तीन नए पर्यटन जोनों में की जाएगी।
ऐसे होगी जिप्सियों की ट्रैकिंग
पहली बार जंगलों में जाने वाली जिप्सियों को एक एप के जरिए ट्रैक किया जा सकेगा। नए जोन में टूरिस्ट को जारी किए जाने वाले परमिटों पर एक इनक्रप्टेड क्यूआर कोड होगा। यह वेबसाइट व एप से लिंक होगा। प्रत्येक जिप्सी ड्राइवर व नेचर गाइड के स्मार्ट फोन में एप डाउनलोड कराई जाएगी। इस एप से क्यूआर कोड को स्कैन कराया जाएगा। जिप्सी जंगल में कहां, कितनी देर के लिए गई इसकी ट्रैकिंग होगी। यदि फोन आउट ऑफ नेटवर्क होगा तो नेटवर्क में आते ही खुद ब खुद सारा ब्योरा वेबसाइट के जरिए वन विभाग के सर्वर में आ जाएगा। इससे पर्यटकों की सुरक्षा होगी, जिप्सियों के यहां-वहां जाने पर लगाम कसेगी। इसके अलावा पर्यटकों से भी नेचर गाइड व ड्राइवर का फीडबैक लिया जाएगा। यदि किसी की लगातार शिकायत मिलती है तो संबंधित की परमिट निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी।
पहली बार जिप्सियों को एप के जरिए ट्रैक किया जाएगा। एप जिप्सी चालकों के फोन में डाउनलोड कराई जाएगी। फिर एप से परमिट पर दिए इनक्रप्टेड क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। एप वेबसाइट से लिंक होगी। जब फोन नेटवर्क में आएगा तो जिप्सी जहां-जहां और जितनी देर के लिए गई सारा डेटा सर्वर में पहुंच जाएगा। कुंदन कुमार, डीएफओ, हल्द्वानी वन डिवीजन