Bareilly: 300 बीघा जमीन बनी तालाब, इस गांव के किसानों का दर्द नहीं सुनने को कोई तैयार
आंवला, अमृत विचार : कस्बे से निकलने वाले नाले के पानी से एक गांव की करीब ढाई सौ बीघा जमीन तालाब बनी रहती है। किसान तहसील से लेकर जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से समस्या का समाधान कराने की गुहार लगा चुके हैं। परंतु आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ब्लॉक आलमपुर जाफराबाद के समीपवर्ती गांव आसपुर के खेतों में नगर पालिका परिषद के नाले का पानी भरा रहता है। जिससे किसान फसल नहीं कर पाते हैं। कुछ किसान फसल करने का प्रयास करते हैं, लेकिन वह नष्ट हो जाती है।
यह सिलसिला 15 साल से चला आ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए किसान धरना भी दे चुके हैं। किसानों की समस्या को लेकर किसान संगठन भी मांग कर चुके हैं। परंतु आज तक किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है। किसान मठे सिंह ने बताया कि आंवला भमोरा रोड पर नगरपालिका परिषद का नाला गुजर रहा है। आसपुर ईंट भट्ठे के समीप से नाले का पानी खेतों की ओर मोड़ दिया गया है। जिससे सैकड़ों बीघा खेत तालाब बने रहते हैं, इससे फसलें नहीं हो पाती है।
किसान रामदास ने बताया कि उनके दस बीघा खेत में पानी भरा रहता है। फसल नहीं हो पा रही है। यहीं हाल गांव के प्रकाश सिंह यादव, ब्रह्मजीत, महताब, जीवाराम, पंकज सिंह, सेवाराम मौर्य, धर्मदास, राजू यादव, उरमान सिंह यादव, तेजपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, जयपाल, रामचन्द्र, समेत 30 से अधिक किसानों का है। गांव की करीब तीन सौ बीघा जमीन तालाब बनी रहती है।
उन्होंने बताया कि इस नाले का पानी उनके लिए जिंदा नरक के समान हो गया है। अधिकारियों से लेकर नेताओं तक अपना दुखड़ा सुना चुके हैं। परंतु किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। किसान सुदेश पाल सिंह ने बताया कि उनके 7 बीघा खेत में नाले का पानी भरा रहता है। कुछ किसान ऐसे हैं जिनका एक ही खेत है। उसमें भी पानी भरा रहता है। फसल न होने से उन्हें खाने के लिए अनाज खरीदना पड़ता है।
डेढ़ वर्ष पहले चेयरमैन से नाले के पानी को रोकने के संबंध में वार्ता हुई थी। उन्होंने एक वर्ष में ताड़गंज में प्लांट बनने और नाले के पानी का समाधान कराने का आश्वासन दिया था। परंतु आज तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की। गांव के किसान नाले के पानी से बहुत परेशान है- राजीव कुमार सिंह ग्राम प्रधान आसपुर।
दिसंबर के प्रथम सप्ताह में कस्बे के ताड़गंज मोहल्ले में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को मंजूरी मिल गई है। करीब 20 करोड़ की लागत से इस प्लांट का निर्माण होगा। जिससे नाले का पानी प्लांट में भेजा जाएगा और शुद्ध करके किसानों को प्रयोग के लिए दिया जाएगा। इससे किसानों की समस्या का समाधान हो जाएगा- जितेंद्र कुमार अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद।
सम्भवतः 2025 में सीवरेज प्लांट का निर्माण हो जाएगा। प्लांट बनने के बाद नाले का पानी खेतों में नहीं जाएगा। किसानों की समस्या का समाधान होने वाला है- सय्यद आबिद अली चेयरमैन नगरपालिका परिषद आंवला।
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