संभल : एएसआई ने प्राचीन भद्रकाश तीर्थ का किया सर्वे, तीर्थ कुंड व ईंटों को देखा

करीब 40 मिनट तक बारीकी से की पड़ताल, टीम ने माना अति प्राचीन है तीर्थ

संभल : एएसआई ने प्राचीन भद्रकाश तीर्थ का किया सर्वे, तीर्थ कुंड व ईंटों को देखा

संभल में एएसआई टीम को तीर्थ कुंड की प्राचीन दीवार दिखातीं एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा।

संभल, अमृत विचार। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की टीम ने गुरुवार को संभल के हौज भदेसराय में भद्रकाश तीर्थ को देखा। एएसआई की टीम ने यहां करीब 40 मिनट तक बारीकी से पड़ताल की और माना कि यह अति प्राचीन तीर्थ है। 

मोहल्ला हौज भदेसराय में नगर पालिका परिषद द्वारा नाला निर्माण के लिए तालाब से पानी निकलवाया गया था, तब वहां कुंडनुमा आकृति नजर आई थी। कहा गया कि यह प्राचीन तीर्थ है और इसमें वर्षों पहले स्नान कुंड हुआ करता था। उसी की आकृति नजर आ रही है। गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की टीम एसडीएम डॉ.वंदना मिश्रा के साथ हौज भदेसराय में भद्रकाश तीर्थ पर पहुंची। टीम के पहुंचते ही आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। एएसआई की टीम ने यहां तीर्थ के कुंड को बारीकी से देखा। कुंड की दीवारों को देखकर ईंटों को भी देखा।

 एएसआई टीम ने इस बात को लेकर जांच पड़ताल की कि तीर्थ कितना प्राचीन है। बताया गया कि यह तीर्थ संभल नगरी के 68 तीर्थों में से एक है, जो समय के साथ अवैध कब्जा और अतिक्रमण होने की वजह से अस्तित्व में नहीं रहा। एएसआई की टीम आलम सराय देहात में प्राचीन चतुर्मुख कूप पर भी पहुंची। यह कूप पत्थर से बना है और अति प्राचीन नजर आता है। टीम ने कुएं के निर्माण में लगे पत्थरों को देखकर यह जानने का प्रयास किया कि यह कितने पुराने हैं। एसडीएम डॉ.वंदना मिश्रा ने बताया कि एएसआई टीम ने तीर्थ कुंड और प्राचीन चतुर्मुख कूप का सर्वे किया है। 

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