पीएससी प्रश्नपत्र लीक मामला : पटना में विरोध-प्रदर्शन, पुलिस ने अभ्यर्थियों पर किया लाठीचार्ज
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीएससी) के प्रश्नपत्र लीक होने का दावा करने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को पटना में विरोध-प्रदर्शन किया।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा, जब उनमें से कुछ बैरिकेड तोड़कर बीपीएससी कार्यालय तक पहुंच गए और यातायात बाधित किया। मिश्रा ने कहा, “पीएसी अभ्यर्थियों सहित अन्य लोगों का एक समूह बुधवार दोपहर बेली रोड स्थित बीपीएससी कार्यालय के पास एकत्र हुआ।
समूह में शामिल लोग बीपीएससी कार्यालय की तरफ बढ़ना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी। इनमें से कुछ बीपीएससी कार्यालय तक पहुंचने में सफल रहे और यातायात बाधित किया।” उन्होंने कहा, “सुरक्षाकर्मियों के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने सड़क खाली करने से इनकार कर दिया। यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, जहां विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। आखिरकार, प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज सहित हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।”
एसएसपी ने प्रदर्शनकारियों के इस दावे को खारिज किया कि लाठीचार्ज में दो से तीन लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा, “कोई भी प्रदर्शनकारी घायल नहीं हुआ। उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।” अभ्यर्थी कथित प्रश्नपत्र लीक को लेकर बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने और आयोग से जल्द से जल्द परीक्षा की नयी तारीख घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
उनका आरोप है कि कुछ केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गए थे। हालांकि, बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने मंगलवार को पूरी परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि बीपीएससी सिर्फ 13 दिसंबर को पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करेगा। मनुभाई ने घोषणा की थी कि बापू परीक्षा केंद्र पर परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की पुन: परीक्षा चार जनवरी 2025 को आयोजित की जाएगी।
बीपीएससी ने हाल ही में पटना के कुम्हरार इलाके स्थित बापू परीक्षा केंद्र पर आयोजित अपनी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी थी, जहां 13 दिसंबर को ‘उपद्रवी’ अभ्यर्थियों के हंगामा करने के बाद एक अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। आयोग ने 34 अभ्यर्थियों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया था, जो कथित तौर पर उपद्रवियों में शामिल थे।
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