वन विभाग की नाक के नीचे से बाघ ले उड़ा शिकार, योजनाओं के जाल को तार-तार कर रहा है बाघ
लखनऊ, अमृत विचार: योजना बनाई गई कि पड़वे (भैंस का बच्चा) को खुले में बांधा जाये और जैसे ही बाघ शिकार करने आयेगा, उसे ट्रैंकुलाइज कर लिया जायेगा। बाघ आया और पड़वे का शिकार कर रफूचक्कर भी हो गया, ट्रैंकुलाइजिंग गन लिए बैठे वन विभाग के सूरमाओं को इसकी आहट तक नहीं मिली। रहमान खेड़ा के बाघ को पकड़ने की वन विभाग की हर योजना धराशाई होती जा रही है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से बाघ रहमान खेड़ा के साथ आस-पास गांवों में घूम रहा है, जिससे लोगों में दहशत बढ़ती जा रही है। विभाग ने एक बार फिर से बाघ के शिकार किये गए पड़वे के बचे हुए हिस्से को मचान के निकट रख कर उसे ट्रैंकुलाइज करने की योजना तैयार की है। इसके लिए मचान पर विभागीय अधिकारियों ने ट्रैंकुलाइजिंग गन के साथ मोर्चा संभाल लिया है।
गांव वालों ने बताया कि दो दिन पूर्व बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने खुले में पड़वा बांधा। बाघ कब आकर पड़वे का शिकार कर चला गया, इसका पता नहीं लग पाया। जब पड़वा नजर नहीं आया तो वन विभाग के अधिकारियों ने खोज बीन की तो पता चला कि बाघ ने उसे मार कर थोड़ी दूर पर डाल दिया है। इसी तरह से बाघ ने जिस सांड का शिकार किया था, उसे रख कर भी बाघ को ट्रैंकुलाइज करने की तैयारी थी, लेकिन बाघ सांड के मृत शरीर को जंगल में खींच ले गया यह भी विभागीय अधिकारियों को पता नहीं चल पाया।
डीएफओ अवध वन प्रभाग सिंताशु पाण्डेय के अनुसार रहमान खेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में स्थित पुराने कंट्रोल रूम के पास बने मचान के पास शाम को बाघ पहुंचा। इसकी पुष्टि कानपुर प्राणि उद्यान के डॉ. नसीम ने की। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले बाघ ने जिस सांड़ का शिकार किया था, उसे विभागीय अधिकारियों ने ट्रैक्टर से खींचकर मीठे नगर की तरफ जाने वाले खड़ंजा मार्ग पर रखा। मंगलवार को बाघ सांड के बच्चे हुए हिस्से को दस मीटर जंगल क अंदर तक खींच ले गया। इसको फिर से खड़ंजा मार्ग पर ला कर रखा गया है। योजना है कि बाघ के इसके निकट आते ही उसे ट्रैंकुलाइज कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि खड़ंजा मार्ग के निकट कानपुर और लखनऊ प्राणि उद्यान के वन्यजीव चिकित्सकों के साथ डब्लूटीआई की टीम भी मौजूद है। बाघ सुरक्षित ट्रैप करने की तैयारी है। इसके अलावा कैमरे, ड्रोन और विभागीय अधिकारी बाघ की तलाश में जुटे हैं।
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