कानपुर के धार्मिक स्थलों में विस्फोट की साजिश रच रहा था आतंकी कमरूज्जमा: ATS ने 2018 में किया था गिरफ्तार
कानपुर, अमृत विचार। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी कमरूज्जमा उर्फ डॉक्टर हुराय उर्फ कमरूद्दीन को विशेष न्यायाधीश एनआईए कोर्ट लखनऊ ने 55 गवाहों की भूमिका के बाद आजीवन कारावास की सुना दी है। बयान के आधार पर अलग-अलग आपराधिक धाराओं में कोर्ट ने अलग अलग सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
आतंकी के पास शहर कानपुर के धार्मिक स्थलों और एके 47 के साथ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुई थी। इसके बाद वह कानपुर पहुंचा था। यहां एटीएस ने उसे 6 साल पहले गिरफ्तार कर लिया था। कमरुज्जमा ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर शहर में विस्फोट की साजिश रची थी। कमरुज्जमा के निशाने पर लखनऊ व मेरठ भी थे। उनके ठिकाने पर अन्य राज्य भी थे।
इराकापिली निकट जमुनामुख हॉस्पिटल डेली बाजार जिला होजाई असोम निवासी कमरूज्जमा को एटीएस ने चकेरी क्षेत्र के शिवनगर से 12 सितंबर 2018 को गिरफ्तार किया था। इसके मोबाइल फोन पर कानपुर के घंटाघर स्थित सिद्धिविनायक मंदिर, जेके मंदिर और एक अन्य गणेश मंदिर की फोटो मिली थी जिसे उसे उड़ाने की साजिश हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी ने रची थी। एटीएस के आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद लखनऊ के एटीएस थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी।
जिसे इसके बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए को केस ट्रांसफर कर दिया गया था। 24 सितंबर 2018 को एनआईए ने केस को री रजिस्टर किया और मामले में विवेचना शुरू की। मामले में एनआईए ने कोर्ट में 55 गवाहों को पेश किया था। जिसमें मुख्य एटीएस के अधिकारी, बैंक अधिकारी, असोम में कमरूज्जमा को जानने वाले, जम्मू कश्मीर स्थित एसबीआई के मैनेजर आदि के बयान शामिल है।
इस मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एनआईए कोर्ट विवेकानंद सरन त्रिपाठी की कोर्ट ने धारा 120बी में 10 वर्ष कठोर कारावास 10000 रुपये अर्थदंड, अर्थदंड न जमा करने पर 3 माह सश्रम कारावास, धारा 121ए (भारत के अंदर या बाहर रहकर अपराधिक बल का इस्तेमाल करना) में आजीवन कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, अर्थदंड न जमा करने पर 3 माह सश्रम कारावास, धारा 17 यूए(पी)एक्ट में 10 वर्ष कठोर कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, अर्थदंड न जमा करने पर 3 माह सश्रम कारावास, धारा 18 यूए (पी) एक्ट में आजीवन कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, अर्थदंड न जमा करने पर 3 माह सश्रम कारावास, धारा 39 यूए(पी)एक्ट में 10 वर्ष कठोर कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, अर्थदंड न जमा करने पर 3 माह सश्रम कारावास सुनाई है।
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनाई सजा
एनआईए की तरफ से इस मामले की पैरवी करने वाले अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि गुवाहाटी में भी एक मामला दर्ज था। जिसमें उसे वहां पर कोर्ट में हाजिर किया गया था। तब से वो वहीं जेल में बंद था। बताया कि मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आतंकी को सजा सुनाई गई।
ऐसे पकड़ा गया था आतंकी
हिजबुल का आतंकी कमरूज्जमा की एके 47 के साथ एक फोटो इंटरनेट पर आई थी। जिसके बाद से यह सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर था। कश्मीर के किश्तवाड़ से वो लखनऊ और फिर कानपुर के शिवनगर आ पहुंचा था। जहां पर उसने पुजेरी लाल यादव का मकान किराए पर ले लिया था। यहीं से कमरूज्जमा ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया। जिसके जरिए एटीएस को लोकेशन मिल गई और आतंकी को गिरफ्तार कर लिया। तब इसके मोबाइल पर धार्मिक स्थलों, एयरपोर्ट की रेकी करते हुए वीडियो, फोटो मिले थे।