Lucknow Bank Robbery Case: एक साल पहले इस जेल में बुना गया था बैंक में सेंधमारी का ताना-बाना, विपिन को पूरी जानकारी
लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी लखनऊ के मटियारी स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में सेंधमारी का तानाबाना एक साल पहले जालंधर जेल में बुना गया था। विपिन व अन्य साथियों की मुलाकात करीब एक साल पहले पंजाब की जालंधर जेल में हुई थी। वहीं पर उनकी दोस्ती हुई थी। चिनहट निवासी विपिन को छोड़ सभी लोग बिहार के रहने वाले हैं। सेंधमारी का तानाबाना एक साल पहले जालंधर जेल में बुना गया था।
पुलिस की पूछताछ में पकड़े गए बदमाश कैलाश बिंद से इसका खुलासा हुआ। विपिन चिनहट के मटियारी स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की भौगोलिक स्थिति से वाकिफ था। विपिन ने ही साथियों से संपर्क कर लखनऊ में बैंक चोरी की वारदात के लिए बुलाया था। बैंक में सुरक्षा की कमी और अन्य खामियों की जानकारी चिनहट के रहने वाले बदमाश विपिन कुमार ने कैलाश और उसके गिरोह के सदस्यों को दी थी।
एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले कैलाश बिंद और उसके कई अन्य साथियों को जालंधर पुलिस ने बैंक की सेंधमारी में जेल भेजा था। वहीं पर चोरी के आरोप में चिनहट का विपिन भी बंद था। जेल में इन लोगों की दोस्ती हुई। चूंकि विपिन यहां चिनहट की आईओबी शाखा में कई बार गया था। कुछ माह पहले ही विपिन और कैलाश जेल से छूटे थे। उसके बाद विपिन लखनऊ पहुंचा। कई बार घूम-घूमकर उसने रेकी भी की थी। बैंक में दिन और रात में कोई सुरक्षा कर्मी नहीं रहता है। इसके अलावा कई वर्षों से एक खाली प्लाट पड़ा है। उस रास्ते से जाया जा सकता है। विपिन ने फोन पर कैलाश को यह सारी जानकारी दी थी।
रेकी के बाद कैलाश, विपिन समेत गिरोह के सात बदमाश शनिवार देर रात करीब 12 बजे बैंक के करीब पहुंचे थे। बैंक से करीब 200 मीटर पहले ही सब अलग-अलग हो गए। प्लाट के रास्ते गिरोह के चार लोग फर्नीचर व्यवसायी के कारखाने में कूदे। कटर से दीवार काटी। अंदर घुसे वहां लाकर रूम की दीवार काटी। लाकर काटकर वारदात की। घटना के समय एक प्लाट के आस पास खड़ा रहा। दूसरा गाड़ी लेकर कुछ दूर पर खड़ा था। दो अन्य लोग भी कुछ दूरी पर घूम टहल रहे थे। वारदात को अंजाम दे रविवार तड़के करीब चार बजे बदमाश भाग निकले थे।
इंदिरानगर में किराए का कमरा लेकर ठहरे थे बदमाश
चिनहट निवासी विपिन कुमार वर्मा के बुलाने पर ही गिरोह के सदस्य अरविंद कुमार, बलराम कुमार, कैलाश बिंद, मिथुन कुमार, सोबिन्द कुमार और सन्नी दयाल लखनऊ 17 दिसम्बर को आए थे। वारदात के लिए सभी लोग इंदिरानगर स्थित एक किराए के मकान में रुके थे। रोजाना बदमाश वहीं से निजी वाहन से आते और रेकी कर चले जाते थे।
वारदात में अलग-अलग गाड़ियों का किया गया प्रयोग
डीसीपी पूर्वी शशंक सिंह ने बताया कि बदमाशों ने वारदात के लिए अलग-अलग गाड़ियों का इस्तेमाल किया था। ताकि उन्हें पुलिस ट्रैक न कर सके। बदमाश वारदात के लिए दो बाइकों से इंडियन ओवरसीज बैंक के पास पहुंचे थे। बैंक से 200 मीटर दूरी पर बाइक खड़ी करके बैंक तक गए थे। जिससे कि किसी को शक न हो। वहीं सपोर्ट के लिए अन्य बदमाश दूसरे किसी वाहन से पहुंचे थे। बैंक में चोरी करने के बाद बदमाश अपने ठिकाने पर गए थे। वहां माल अलग-अलग किया था। इसके बाद दो कारों से बिना नंबर प्लेट लगी कारों से बिहार के लिए निकले थे।
छुट्टी के पहले करते हैं वारदात
जेसीपी कानून व्यवस्था अमित वर्मा ने बताया कि इस गिरोह का पैटर्न है कि वह छुट्टी के एक दिन पहले वाली रात को ही बैंकों में चोरी करते हैं। जिससे कि दूसरे दिन छुट्टी होने पर घटना की जानकारी देर से हो। जब तक वारदात की जानकारी हो बदमाश शहर से बाहर निकल जाएं। यही नहीं आरोपी उन्हीं बैंक का टारगेट करते हैं, जहां रात में गार्ड नहीं होते हैं। यही नहीं सुनसान इलकों के बैंक को ही टारगेट करते थे। लिहाजा बदमाशों ने मटियारी स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक को शनिवार को अपना टारगेट बनाया था। जिससे कि रविवार को छुट्टी होने के कारण घटना देर से पता चले।
फर्नीचर शॉप से जोड़ लिया था कटर के लिए कनेक्शन
अभी तक की जांच में सामने आया कि चोरों ने फर्नीचर शॉप के पिछले हिस्से में बिजली के कनेक्शन लेकर बिजली कटर मशीन के जरिए बैंक की दीवार को काटा था। बिजली कटर से दीवार में सेंध कर वह अंदर दाखिल हुए। बैंक के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज में भी बदमाश दीवार में सेंध लगाकर अंदर दाखिल होते हुए कैद हुए है। इसके बाद बदमाश लॉकर रूम तक पहुंचे और वहां 1 से 31 नंबर के लॉकर को छोड़ कर बाकी लगातार 42 लॉकर तोड़ दिए। जिसमें उन्होंने अलग अलग तरीके से औजारों का इस्तेमाल किया था। तीन से चार घंटे तक पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद जब उन्हें पर्याप्त ज्वैलरी व कैश मिल गया तो वह वहां से निकल गए।
एक बैंककर्मी पुलिस की रडार पर, पूछताछ
बैंक में लॉकर काटकर करोड़ों के गहने व नगदी साफ करने वाले गिरोह की मदद करने वाले को चिन्हित करने के लिए सोमवार को डीसीपी पूर्वी से लेकर एसओ चिनहट तक ने कई बैंककर्मियों से पूछताछ की। पुलिस ने शाखा प्रबंधक से लेकर गार्ड तक से कई राउंड में सवाल-जवाब किए। पुलिस सूत्रों की मानें तो नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने अमृत विचार को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने उस बैंककर्मी का नाम भी उगल दिया है। इस जानकारी के बाद पुलिस उस बैंककर्मी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
खुलासे में एसटीएफ की भी भूमिका, 7 से अधिक लोग हो सकते हैं शामिल
वारदात के बाद एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने एसटीएफ को भी लगाया था। निर्देश पर रविवार देर शाम ही एसटीएफ की एक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी। माना जा रहा है कि खुलासे में एसटीएफ की भी अहम भूमिका रही। अभी तक की जांच से यह साफ है कि वारदात में 7 से अधिक बदमाश शामिल हो सकते हैं। एसीपी विभूतिखंड राधारमण सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है। अगर किसी की भूमिका मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।
तमंचे के सहारे की गई करोड़ों की चोरी व मुठभेड़
मुठभेड़ के दौरान पुलिस को बदमाश अरविंद के पास एक 315 बोर का तमंचा मिला। बताया जा रहा है कि यह वही तमंचा था, जिसके सहारे बदमाश अरविंद ने करोड़ों की बैंक चोरी को अंजाम दिया था। यही नहीं अरविंद सिर्फ एक तमंचा और एक कारतूस के सहारे पुलिस से मुठभेड़ कर रहा था। पुलिस को सिर्फ एक खोखा मिला है।