कानपुर में सामूहिक दुष्कर्म में 4 दोषियों को 10-10 साल कैद: किशोरी को तमंचे के बल पर उठा ले गए थे अभियुक्त
कानपुर, अमृत विचार। सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में सोमवार को 4 दोषियों को अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुरेंद्र पाल सिंह की अदालत ने 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही चारों पर अलग-अलग 10,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माने की कुल रकम 42 हजार रुपये से 25 हजार पीड़िता को मिलेंगे।
महाराजपुर निवासी 15 वर्षीय किशोरी 30 मार्च 2015 को शौच के लिए गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। पिता खोजबीन करते रहे और 2 अप्रैल को गांव के ही एक घर से किशोरी को बरामद कर लिया था। उस समय बदनामी के डर से पिता ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी।
इसके बाद महाराजपुर के ग्राम पतारी का रहने वाला गुड्डू धानुक किशोरी के घर आकर उसे जबरन ले जाने की धमकी देता था। लगातार धमकी मिलने पर 21 जून को पिता ने महाराजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विशेष लोक अभियोजक चंद्रकांत शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जब पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने बयान हुए तो उसने बताया था कि 30 मार्च को जब वह शौच के लिए गई थी तभी खेत पर गुड्डू धानुक के अलावा गांव के संजय, धुनर और दिनेश ने उसे दबोच लिया था और एक घर में ले जाकर बंद कर दिया था।
तमंचे के बल पर चारों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। कचहरी ले जाकर कुछ कागजातों पर जबरन उसके हस्ताक्षर करवा लिए और शादी होने की बात कहकर उसे उठा ले जाने की धमकी देने लगे। विवेचना के बाद पुलिस ने गुड्डू, संजय, धुन्नर और दिनेश के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी थी।
अभियोजन की ओर से पीड़िता व उसके पिता समेत छह गवाह कोर्ट में पेश किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने चारों को अपहरण, जानमाल की धमकी और सामूहिक दुष्कर्म का दोषी मानकर सजा सुनाई।