मुरादाबाद:'मुझे बहन जी ने निकाला, लेकिन मैं अभी भी बसपा का सिपाही'
पूर्व सांसद नगीना ने गृह मंत्री पर साधा निशाना, कहा- बाबा साहेब के अपमान भुगतना पड़ेगा खामियाजा
मुरादाबाद, अमृत विचार। नगीना से पूर्व सांसद गिरीश चंद ने रविवार को कहा कि उन्हें बहन जी ने पार्टी से निकाला है, लेकिन मैं आज भी बसपा के अनुशासित सिपाही हूं और पूर्व की भांति समाज के दबे और कुचले लोगों के लिए कार्य करता रहूंगा। गृहमंत्री अमित शाह ने दलित,शोषित और पिछड़ों के मसीहा संविधान के निर्माता बाबा भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है, इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
बसपा से निकाले जाने के बाद रविवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए नगीना के पूर्व सांसद गिरीश चंद ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह देश के इतने महत्वपूर्ण पद के लायक नहीं। उन्होंने सदन में बाबा साहब के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है, इसका उन्हें खमियाजा भुगतना पड़ेगा। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर नहीं होते तो खुद गृहमंत्री के पद पर बैठे अमित शाह सदन तक पहुंचने के काबिल नहीं बन पाते। उन्होंने कहा की डॉ. भीमराव आंबेडकर के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग करने के कारण दलित समाज के लोगों और बाबा साहब के अनुयायियों के सम्मान और मन को ठेस पहुंची है। इसके विरोध में आज पूरा दलित और पिछड़ा समाज एक प्लेटफार्म पर है। उन्होंने कहा कि अमित शाह को संविधान के निर्माता बाबा साहेब के किए गए अपमान को लेकर गृह मंत्री पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। जिसे संविधान के निर्माता के महत्व का नहीं पता उसे देश के गृहमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
इस दौरान पार्टी से निकाले जाने पर कहा कि बहन जी ने मुझे निकाला है, मैं खुद को आज भी बसपा का सिपाही मानता हूं। पार्टी के कुछ लोगों ने बहन जी को भ्रमित कर दिया है। इसको लेकर बहन मायावती ने जल्दबाजी में यह फैसला लिया है। जरूरी नहीं गलती छोटों से होती है, गलती बड़ों से भी हो सकती है। शायद समय रहते बहन मायावती को अपने फैसले पर विचार करना पड़े। कहा कि वह आगे भी समाज के दबे, कुचले, कमजोर और शोषित वर्ग के लोगों के लिए लिए काम करते रहेंगे।