अयोध्या: रामपथ पर बने हैं 26 शेल्टर, लेकिन नहीं रुकती हैं ई बसें, बना शो पीस

अयोध्या: रामपथ पर बने हैं 26  शेल्टर, लेकिन नहीं रुकती हैं ई बसें, बना शो पीस

अयोध्या, अमृत विचार। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया गया। इसके लिए रामपथ पर 26 जगह बस शेल्टर बनाए गए थे, जो आज सफेद हाथी बनकर रह गए हैं। इन शेल्टरों पर यह बसें रुकती ही नहीं है, बल्कि जहां यात्री ने हाथ दिया वहीं रोक दिया जाता है, इससे यातायात प्रभावित होता है। अधिकारियों का कहना है कि चालकों को बस शेल्टरों व प्रमुख चौराहों पर ही बस रोकने के निर्देश हैं।

वर्तमान में शहर के तीन रूटों पर चल रही ई बसें आवागमन के लिए सबसे सुलभ व सुरक्षित साधन मानी जाती हैं। अयोध्यावासी ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह संजीवनी साबित हुई है। रामपथ के निर्माण के दौरान यह बसें कहां खड़ी होगी, इसके लिए 13 किमी के इस पथ पर करीब 26 स्थानों पर बस शेल्टर का निर्माण किया गया था। मिक्स तांबे-पीतल से बने इन शेल्टरों में प्रभु श्रीराम व उनसे जुड़े प्रसंगों का शानदार चित्रण भी कराया गया।

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यह शेल्टर अयोध्या की सुंदरता को चार चांद लगा रहे हैं। लेकिन आज यह बस शेल्टर निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। बस चालक भी इन स्थानों के बजाए जहां यात्री दिखते हैं वहीं बस रोक देते हैं। इससे अकसर जाम की भी स्थिति भी बनती है। कुछ जगहों पर अतिक्रमण कर लिया गया है तो कही इसके आगे वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। 

यह है इन बसों की खासियत

-यह वातानुकूलित बस सेवा वृद्ध, दिव्यांग व महिलाओं के लिए बेहद सुरक्षित है। इससे ध्वनि व वायू प्रदूषण भी नहीं होता। इन बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी व पैनिक बटन जैसी सुविधाएं हैं। सेफ सिटी परियोजना के तहत इसे पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 से भी जोड़ा गया है। साथ ही यह व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से भी लैस है।   

शुरू में आईं थी 225 बसें, अब चल रही मात्र 22

14 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बस सेवा की शुरूआत की थी। इसके संचालन का दायित्व परिवहन निगम को सौंपा गया है। इन बसों को लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर आदि शहरों से मंगाया गया था। माह के अंत तक 225 बस अलग अलग छह रूट पर चल रही थी। वहीं, वर्तमान में इनकी संख्या घटकर सिर्फ 22 रह गई हैं जो सिर्फ तीन रूटों पर चल रही है। हालांकि परिवहन अधिकारी का कहना है कि जून तक अयोध्या धाम को अपनी बस मिलने की संभावना है।

बस चालकों को निर्देश है कि निर्धारित बस शेल्टरों व प्रमुख चौराहों पर ही सवारी को बैठाएं। रूट छोटा होने व किराया कम होने के कारण बिना मुनाफे के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इनका संचालन किया जा रहा है। सुविधा के लिए ही यात्री जहां होते हैं वहीं से उन्हें बैठाया जाता है... विमल राजन, क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम।

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