Kanpur: अतिक्रमण बना नासूर, पार्किंग व्यवस्था लापता, व्यापारी बोले- नगर निगम बाजार की हालत सुधारने के लिए खींचे लक्ष्मण रेखा

Kanpur: अतिक्रमण बना नासूर, पार्किंग व्यवस्था लापता, व्यापारी बोले- नगर निगम बाजार की हालत सुधारने के लिए खींचे लक्ष्मण रेखा

कानपुर, अमृत विचार। सीसामऊ बाजार के व्यापारियों के लिए कारोबार में सबसे बड़ी बाधा अतिक्रमण है। उनका साफ कहना है कि इस समस्या की वजह से खरीदारों को बाजार आने में असुविधा होती है। तमाम खरीदार इसी कारण बाजार आने से किनारा करने लगे हैं, क्योंकि पार्किंग की भी कोई सुविधा नहीं है। व्यापारियों ने नगर निगम से बाजार में ‘संकेतक रेखा’ खींचे जाने की मांग करते हुए कहा कि जो व्यापारी इस रेखा से बाहर अपनी दुकान ले जाए उसका मौके पर ही चालान काटा जाए। व्यापारी बाजार को सुव्यवस्थित और सुंदर बनाने के लिए तैयार हैं। अब पहल नगर निगम और संबंधित विभागों को करनी है। 

सीसामऊ व्यापार संगठन से जुड़े कारोबारियों संजय त्रिवेदी, जितेंद्र दादलानी, महेश राजपाल, अनिल गुप्ता, कुलदीपक शुक्ला, नरेश गुप्ता, संजीव भाटिया, रक्षक अग्रवाल, विजय भाटिया, संजय कनोडिया व संतोष कुमार अवस्थी ने बताया कि 1940 से बाजार में व्यापारी कारोबार कर रहे हैं। लेकिन आज स्थिति यह है कि बाजार से सड़क गायब हो गई है। खरीदारों को दुकानों तक आने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अक्सर धक्का-मुक्की जैसे हालात रहते हैं। 

वाहन से आने वाले खरीदारों को वाहनों को खड़ा करने में भारी मुसीबत उठानी पड़ती है। बाजार के आसपास घनी बस्तियां होने से वाहन खड़े करने की जगह नहीं मिलती है। यह स्थिति सिर्फ अतिक्रमण हटाए जाने से ही दूर हो सकती है। व्यापारियों के मुताबिक उन लोगों ने कई बार बाजार में अतिक्रमण हटाए जाने के लिए पहल की है। 

लेकिन टीम जाते ही बाजार में दोबारा अतिक्रमण हो जाता है। यदि नगर निगम बाजार में अतिक्रमण हटाने के लिए एक ‘संकेतक रेखा’ खींच दे और उसके बाहर आने वाले अतिक्रमणकारियों पर चालान किया जाए तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है।    

पार्किंग और शौचालय की नहीं व्यवस्था 

व्यापारियों ने बताया कि बाजार में आज तक पार्किंग नहीं बन पाई है। पार्किंग की व्यवस्था को लेकर नगर निगम के अधिकारियों के साथ कई बार बैठक हुई। व्यापारियों ने गीता पार्क में पार्किंग का प्रस्ताव भी रखा। लेकिन कुछ नहीं हुआ। बाजार से जुड़ी गलियों में वाहन खड़े करने को लेकर अक्सर विवाद की स्थिति बनती है। बाजार में महिलाओं की बड़ी संख्या में आवाजाही के बावजूद शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। एक भी पिंक टॉयलेट नहीं है।  

झूलते बिजली के तार खतरनाक

बाजार में अतिक्रमण और झूलते बिजली के तारों के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे में दमकल की गाड़ियों को हादसे की जगह पर पहुंचने पर काफी दिक्कत होगी। 

ऑनलाइन कारोबार बना मुसीबत

व्यापारियों ने बताया कि सीसामऊ बाजार ऑनलाइन कारोबार से सबसे अधिक प्रभावित है। बाजार में जो उत्पाद मिलते हैं, वे सब ऑनलाइन कारोबार में उपलब्ध है। ऑनलाइन कारोबार का मुकाबला करने के लिए ही व्यापारी  खरीदारों को दुकानों तक लाने की व्यवस्था पर काम कर रहे हैं। ऑनलाइन कारोबार से मुकाबला करने के लिए वे लोग भी अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को नए उत्पाद भेजने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में लगभग 60 फीसदी कारोबार कम हो गया है। 

ऑनलाइन से सस्ता है बाजार

व्यापारियों ने बताया कि ऑनलाइन बाजार का मुकाबला करने के लिए वे लोग ग्राहकों को ऑनलाइन से भी सस्ता उत्पाद उपलब्ध करा रहे हैं। ग्राहक जब बाजार आते हैं तो वे खुद भी पाते हैं कि बाजार में कई ऐसे उत्पाद है जो काफी सस्ते दामों में उन्हें मिल जाते हैं। 

कम हो जीएसटी स्लैब

जीएसटी को लेकर भी व्यापारियों ने आवाज बुलंद करते हुए कहा कि जीएसटी के अधिक स्लैब की वजह से व्यापारी आकलन करने में भ्रमित हो जाते हैं। सरकार यदि जीएसटी स्लैब को कम करेगी तो उत्पाद पर लगने वाले टैक्स की व्यापारी आसानी से गणना कर सकते हैं।

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