Bareilly: कंप्यूटर ऑपरेटर...झूठी काबिलियत का पर्दाफाश, अब साठगांठ से आस
बरेली, अमृत विचार : नगर निगम में आउटसोर्सिंग के जरिए तैनात हुए कंप्यूटर ऑपरेटर टाइपिंग के टेस्ट में फेल होने के बाद भी साठगांठ से आस लगाए बैठे है। नौकरी बचाने के लिए उन्होंने सिफारिशें करानी शुरू कर दी हैं। साथ ही काम सीखने के लिए अधिकारियों से समय भी मांग रहे हैं। टाइपिंग न आने के बावजूद दो साल से 30 कंप्यूटर ऑपरेटर नगर निगम में नौकरी कर रहे थे।
कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति के दौरान ही रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। अब दो साल बाद जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद मामले पर लीपापोती की कोशिश की जा रही है। कंप्यूटर ऑपरेटर मजबूरी का हवाला देकर नौकरी न लेने की फरियाद तो कर ही रहे हैं, बाहर से पैरवी कराकर टाइपिंग सीखने का भी समय मांग रहे है। नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर तैनात 51 कंप्यूटर ऑपरेटरों में से 30 की दक्षता हाल ही में हुई जांच में उपयुक्त नहीं पाई गई थी। दो साल से ये सभी गूगल की मदद से नौकरी चला रहे थे।
नौकरी के भरोसे कर डाले कई बड़े काम, अब परेशान
नगर निगम आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति तो हो गई लेकिन कई कंप्यूटर ऑपरेटर अब बुरे फंस गए हैं। कुछ ने मानदेय से किस्तें भरने के भरोसे बाइक फाइनेंस करा ली हैं तो किसी की शादी की तैयारी चल रही है। नौकरी खतरे में आने के बाद इन लोगों में चिंता का माहौल है। ये कंप्यूटर ऑपरेटर नगर निगम में बाबुओं की तरह काम कर रहे थे। रुतबा भी स्थाई कर्मचारियों जैसा जमा रखा था।
बोर्ड की बैठक में गूंजेगा साठगांठ का खेल
पार्षद राजेश अग्रवाल ने बताया कि अयोग्य कंप्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती का मुद्दा वह 28 दिसंबर को नगर निगम बोर्ड की बैठक में उठाएंगे। यह भी मांग करेंगे कि इस तरह की नियुक्तियों के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराया जाए ताकि गड़बड़ी की संभावना न रहे। उन्होंने कहा कि उन्होंने नियुक्तियों के दौरान ही शिकायत की थी लेकिन तब उसकी अनदेखी कर दी गई। अब फिर अयोग्य कर्मचारी काम सीखने का समय मांग रहे हैं।
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