Kanpur: हैलट अस्पताल के दो डॉक्टरों समेत 21 लोगों पर एफआईआर दर्ज, कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई

Kanpur: हैलट अस्पताल के दो डॉक्टरों समेत 21 लोगों पर एफआईआर दर्ज, कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर देहात की एक महिला को मारपीट कर अधमरा करने के मामले में हैलट अस्पताल के डॉक्टरों और स्टॉफ पर इलाज के दौरान दस्तावेज गायब करने का आरोप लगा।

जिसके बाद महिला के परिजनों ने पुलिस स्वरूप नगर पुलिस से शिकायत की। मामले में सुनवाई न होने के आरोप में महिला के बेटे ने सीएमएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर दो डॉक्टरों समेत 19 अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई है।

कानपुर देहात के थाना राजपुर ग्राम कमलपुर निवासी अशोक कुमार ने दर्ज एफआईआर में बताया कि 5 अक्टूबर 2022 की दोपहर लगभग एक बजे उनकी मां राजकुमारी खेत में जानवरों के लिए चारा काट रही थी। उसी दौरान गांव के कैलाश, शानू , गौरव, हर्षित, पुष्पा, बिट्टो, पप्पू, शिवम उर्फ शीपू ने कुल्हाड़ी, लाठी डंडा, हसिया से जानलेवा हमला कर अर्धनग्न कर मरणानासन्न कर दिया।

पुलिस की मदद से परिजनों ने उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर पहुंचाया। जहां से डाक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल अकबरपुर रेफर कर दिया। मगर वहां भी हालत बिगड़ने पर हैलट अस्पताल रेफर कर दिया था। अशोक ने दर्ज एफआईआर में बताया कि इस पर आरोपियों के खिलाफ थाना राजपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई।

बताया कि जब मां को वह अन्य परिजनों के साथ लेकर हैलट अस्ताल पहुंचे तो वहां पर आकस्मिक विभाग ड्यूटी प्रभारी डॉ आशीष श्रीवास्तव को मूल मेडिकोलीगल, रेफर स्लिप समेत अन्य संपूर्ण प्रपत्रों को दिया गया था। सारे दस्तावेजों को एक साथ कर डॉक्टर ने अपने पास रख लिया और मां को भर्ती कर इलाज शुरू कराया।

पीड़ित अशोक ने दर्ज एफआईआर में बताया कि आरोपियों का एक रिश्तेदार अभिषेक यादव हैलट में नौकरी करता था। जो वहां के डॉक्टरों और उच्च अधिकारियों से परिचित था। उसने अपने रिश्तेदारों की मदद करते हुए गौरव, शिवम उर्फ शीपू तथा एक अज्ञात शख्स के साथ मिलकर मां की मृत्यु करवाने का भी प्रयास किया।

जानकारी होने पर मां की छुट्टी करवा दी जबकि उनकी हालत गंभीर थी। अशोक ने बताया कि इसके बाद मां को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बेटे ने एफआईआर में आरोप लगाया कि हैलट में अपने रिश्तेदार डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर करके उसकी मां के इलाज के सभी दस्तावेज और रिपोर्ट गायब करा दिए गए और उनके स्थान पर फर्जी दस्तावेज रख दिए गए।

जिसमें गंभीर चोट लगने की कहीं बात ही नहीं थी। दर्ज एफआईआर में बताया कि उन्होंने इस बात की शिकायत नोडल अधिकारी डॉ विनय कुमार से की। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया मगर वह नोटिस भी गायब कर दी गई। पीड़ित अशोक के अनुसार उसने खुद हैलट के प्रमुख अधीक्षक से मिलकर शिकायत की। वह शिकायत दर्ज करा बाहर निकला तो आरोपियों ने उसे बेरहमी से मारापीटा।

इस घटना की शिकायत उसने पुलिस से की लेकिन कोई सुनवाई हुई। जिसके बाद पीड़ित ने सीएमएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। जिस पर स्वरूप नगर इंस्पेक्टर सूर्यबली पांडेय ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर हैलट के डॉ सुबोध यादव, डॉ अशोक वर्मा, विनय कुमार, अमित दुबे, शालिनी यादव, गौरव, शानू, कैलाश, शिवम, पप्पू व 10 अज्ञात के खिलाफ बलवा, मारपीट, गालीगलौज, धमकी, धोखाधड़ी, षडयंत्र रचने, लापरवाही, चोरी की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है।

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