रामपुर: पहली बार पुलिस के चंगुल में फंसा मानव तस्करी करने वाला गिरोह
बच्ची का अपहरण कर बेचने की तैयारी कर रहे थे आरोपी
रामपुर/मसवासी, अमृत विचार। मानव तस्करी करने वाला गिरोह पहली बार पुलिस के चंगुल में फंस गया है। गिरोह के सदस्य बच्ची का अपहरण करके उसको बेचने की तैयारी करे रहे थे। आरोपियों के मनसूबों पर पुलिस ने पानी फेर दिया। पुलिस 3 वर्षीय बच्ची की मां की निशानदेही पर छापा मारकर बच्ची और उसके आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद थाने ले आई। गुरुवार को न्यायालय में पेश किया। जहां से चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपियों पर मानव तस्करी सहित कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
बता दें कि बरेली के प्रेमनगर थाना क्षेत्र के लाइनपार मुरावपुरा निवासी ममता सोमवार को अपनी 3 वर्षीय बेटी के साथ अपने पति के पास बनवसा जा रही थी। रास्ते में मसवासी थाना क्षेत्र के मिलक नौखरीद पुल के नीचे 3 महिलाएं और एक व्यक्ति गोद से उसकी बच्ची को छीन कर ले गए थे। उसके बाद महिला बच्ची को पाने के लिए रोती-बिलखती अपहरणकर्ताओं की कार के पीछे-पीछे दौड़ती रही। दो दिन तक वह बच्ची को पाने की चाहत में अपहरणकर्ताओं के घर के आसपास भटकती रही। लेकिन परेशान हो जाने के बाद महिला मसवासी चौकी पहुंच गई और उसने आप बीती सुनाई। पुलिस को बच्ची के अपहरण करने वालों का पता बता दिया। उसके बाद मसवासी पुलिस ने विशंभर सैनी के घर पर छापा मारा। पुलिस को वहां से विशंभर की पत्नी जावित्री और कुछ अन्य महिलाएं भी मिलीं। चौकी प्रभारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर विशंभर सैनी, उसकी पत्नी जावित्री, बिहार के जिला कटियार के थाना पूर्णिया के गांव जोगबन्नी निवासी मुन्नी पत्नी लक्ष्मण दास व संजू पत्नी अजय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। गुरुवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेज दिया गया है। इन सभी के खिलाफ मानव तस्करी सहित कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
मां नही रखती बच्ची पर नजर, तब कुछ भी कर सकते थे आरोपी
बच्ची के अपहरण के बाद मां दो दिन आरोपियों के घर के आसपास घूमती रही। उसको शक था कि यह लोग उसकी बच्ची के साथ किसी गलत घटना को अंजाम दे सकते हैं। माना जा रहा है कि यह लोग बच्ची को बेचने की तैयारी कर रहे थे। हालांकि पुलिस को पहली बार इस गिरोह को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी विशंभर सैनी का लोगों से रहता संपर्क
पुलिस की मानें तो आरोपी विशंभर सैनी और उसकी पत्नी का इन लोगों से संपर्क रहता है। यह लोग बच्ची,बालिकाओं का अपहरण करके बेच देते हैं इतना ही नहीं युवतियों को जिले में और आसपास लाकर कुछ रुपयों में उनकी शादियां तक करा देते हैं। यहां से नाबालिग को ले जाकर अन्य जिलों में बेच देते हैं। अभी इस मामले में और भी जांच जारी रहेगी। बच्ची का नसीब अच्छा था,जो बच गई। विशंभर सैनी और अजय एक ही गांव के रहने वाले हैं। हालांकि पुलिस के पास इनका अभी तक कोई अपराधिक इतिहास नहीं आया है।
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