बाराबंकी: तहसील परिसर में नहीं रह सकेंगे यह खास लोग, अधिवक्ताओं ने लिखा पत्र
बाराबंकी, अमृत विचार। अधिवक्ताओं ने तहसील में काम कर रहे गैर सरकारी कर्मचारियों को तहसील परिसर से निष्कासित किये जाने के लिए एक मांग-पत्र उपजिलाधिकारी को भेजा है।
एसडीएम राजेश विश्वकर्मा को भेजे गये मांग-पत्र में बार संघ अध्यक्ष प्रदीप कुमार निगम ने कहा है कि न्यायालय, कार्यालय में कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ काम कर रहे बाहरी व्यक्तियों पर रोक लगाई जा चुकी है। इससे सम्बन्धित शासनादेश भी सम्बन्धित कार्यालयों व न्यायालयों को प्रेषित किये जा चुके हैं। ऐसे में बाबू व मुंशी बनकर जो बाहरी व्यक्ति कार्य कर रहे हैं। उनके हाथ में सरकारी अभिलेख और तमाम गोपनीय रिकॉर्ड होते हैं। जिसमें किसी भी प्रकार की क्षति हो सकती है। तहसील क्षेत्र में चार सौ एक राजस्व गांव हैं। जिसमें से कई गांवों के मूल नक्शे गायब हैं।
ऐसी दशा में मांगपत्र का संज्ञान लेते हुए बाहरी व्यक्तियों को न्यायालय और कार्यालयों से निष्कासित किया जाये। यदि निष्कासित नहीं किया जाता है तो ऐसी दशा में किसी बाहरी व्यक्ति के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
अधिवक्ताओं की हड़ताल सातवें दिन रही जारी
अधिवक्ताओं की सातवें दिन भी कलमबंद हड़ताल जारी रही। जिसके चलते सभी न्यायालयों व रजिस्ट्री दफ्तर का कार्य पूर्णतयः बाधित रहा। उपनिबन्धक कार्यालय को तहसील से अन्यत्र स्थान पर स्थानान्तरित न किये जाने को लेकर अधिवक्ताओं की कलमबन्द हड़ताल सातवें दिन भी जारी रही। इस हड़ताल के दौरान अधिवक्ताओं और स्टाम्प वेन्डरों के चैम्बर और बस्ते भी नही खुल रहे। जिसके चलते शिकायती पत्र आदि लिखाने के लिए फरियादियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। इस मौके पर संजय सिंह नम्बरदार, वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नयन तिवारी, इन्द्रेश शुक्ला, रमेशचन्द्र रावत, प्रेमचन्द्र पाल, अनीक अहमद सिद्दीकी, श्रवण कुमार वर्मा, सतीश वर्मा, नफीस अहमद, अलीउद्दीन शेख, पुलकित श्रीवास्तव, नितिन मुकेश राज, प्रेमचन्द्र राजपूत, अशोक यादव, सुनील सिंह, प्रमोद सिंह सहित काफी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
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