कासगंज: व्यापारियों पर ट्रेड लाइसेंस शुल्क लगाने की तैयारी, विरोध शुरू

कासगंज: व्यापारियों पर ट्रेड लाइसेंस शुल्क लगाने की तैयारी, विरोध शुरू

गंजडुंडवारा,अमृत विचार: गंजडुंडवारा पालिका गरीबों से लेकर बड़े व्यापारियों पर ट्रेड लाइसेंस शुल्क लगाने की तैयारी में है। जिसका खाका भी पालिका प्रशासन ने तैयार कर लिया है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद कस्बावासी प्रत्येक छोटे-बड़े व्यापारी से लेकर रिक्शा एवं ठेला लगाने वाले के बोझ में दब जाएंगे। लेकिन शुल्क के लागू होने से पहले ही विरोध होने लगा हैं। लोग इसे पालिका प्रशासन का तानाशाही रवैया करार दे रहे हैं।

पालिका प्रशासन शासन के निर्देश के क्रम में लाइसेंस शुल्क व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। इस व्यवस्था के लागू होते ही कस्बे के अंदर चाहे निजी रिक्शा वाले हो या फिर ज्वेलर्स की दुकान चलाने वाले बड़े कारोबारी, सभी को नगर पालिका का ट्रेड लाइसेंस लेना होना। इसके बिना वे शहर में व्यापार नहीं कर पाएंगे। यह लाइसेंस एक साल के लिए वैध होगा। इसके लिए नगर पालिका ने शासन के आदेश के बाद 39 मदों मे 122 कैटागरी में दुकानदारों की श्रेणीवार सूची तैयार कर लाइसेंस फीस भी तय कर दी है। कस्बा क्षेत्र में हजारों से ज्यादा दुकानें बाजार, गली-मोहल्लों में चल रही हैं। यह फीस 50 रुपए से लेकर 35000 रुपए तक रहेगी। बोर्ड बैठक में इसकी मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा, लेकिन लगातार इसको लेकर विरोध हो रहा है।

ये देनी होगी जानकारी
किरायानामा या दुकान के मालिकाना हक के दस्तावेज। संपत्ति कर व पुराने रजिस्ट्रेशन की रसीद। बड़े दुकानदारों को जीएसटी सम्बंधित जानकारी, अन्य दस्तावेज व आधार कार्ड।

उठने लगे विरोध के स्वर
जहां ट्रेड लाइसेंस के नाम पर व्यापरियों पर अतिरिक्त बोझ लादने के प्रस्ताव पर शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में सहमति नहीं बन सकी है। वहीं इसको लेकर कस्बा में भी विरोध के स्वर उठने लगे है। लोगों का कहना है कि पहले से कॉमर्शियल हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, नाम परिवर्तन सहित कई टैक्स हैं। अब यह टैक्स व्यावहारिक नहीं है। व्यापारियों पर किसी भी प्रकार का लाइसेंस शुल्क लागू किया जाना अनुचित है। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

ऐसे देनी होगी ट्रेड लाइसेंस की फीस
व्यवसाय का नाम फीस-
ज्वेलर्स 5 लाख से ऊपर के लेनदेन पर 35000 रुपए।
ज्वेलर्स 5 लाख तक के लेनदेन- 15000 रुपए।
कपड़ा थोक विक्रेता-7500 रुपए।
आटा चक्की धान मशीन एवं अन्य फैक्ट्री-1000 रुपए।
रिक्शा निजी चलित - 300 रुपए तक।
पशुपालन -50 से 500 रुपए तक।
विद्युत उपकरण विक्रय फुटकर पर 8000 रुपए तक।
न्यूज पेपर -1000रुपए।
टेन्ट हाऊस - 4000 रुपए।
ब्यूटी पार्लर -750 रुपए।

ऐसी ही कुल 122 कैटेगरी पर अलग - अलग शुल्क निर्धारित किए गए है।

शासन के आदेश के क्रम में ट्रेड लाइसेंस की फीस लागू करने का प्रस्ताव विगत बोर्ड बैठकों में रखा गया है। जिस पर अभी सहमति नही बन सकी है। वैसे पालिका ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही, कस्बे में जो भी छोटा या बड़ा दुकानदार होगा। पालिका सभी से ट्रेड लाइसेंस जारी कर फीस वसूल करेगा- सुनील कुमार,अधिशासी अधिकारी,नगर पालिका परिषद।

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