लखीमपुर खीरी : इंस्पेक्टर व एसआई कार पेंटर को देंगे बकाया मजदूरी समेत पांच लाख रुपये
एसडीएम मितौली की कोर्ट ने सुनाया फैसला, ढाई लाख की बकाया थी मजदूरी
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। कोतवाली मैगलगंज परिसर में बनवाए गए घरेलू फर्नीचर मामले में कार पेंटर को मजदूरी न देने के मामले में सुनवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक घनश्याम राम और एसआई सुरेंद्र कुमार को बकाया मजदूरी ढाई लाख रुपये और ढाई लाख रुपये जुर्माना कार पेंटर को अदा करने का निर्देश दिया है।
कोतवाली मैगलगंज के खखरा निवासी सुशील कुमार पुत्र सुखदेव सिंह ने करीब सात साल पहले एसडीएम मितौली की कोर्ट में धारा 15(2) वेतन भुगतान अधिनियम 1936 के तहत वाद दायर किया था। उसका कहना था कि वह मजदूरी पर फर्नीचर बनाने का काम करता है। मैगलगंज के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक घनश्याम राम व एसआई सुरेंद्र सिंह उसे रोजाना दिहाड़ी के रूप में कार्य करने के लिए कोतवाली परिसर में फर्नीचर बनाने का कार्य करने के लिए बुलाया। उसने 28 अक्टूबर 2017 से काम शुरू किया। उसने तीन अन्य साथी भी सहयोगी के रूप में लगाकर 28 जनवरी 2018 तक कार्य किया। पल्ले, खिड़की, जाली वाले पल्ले, 2 सोफा सेट, 6 डबल बेड बक्से वाले, 2 मेज व जुता-चप्पल रखने वाला स्टैंड बनाया। जिसको उसे बनाने में 84 दिन लगे। उसे पेशगी के तौर पर 50 हजार रुपये प्राप्त हुए थे। 2,50,000 हजार रुपये बाकी रहे थे। इंस्पेक्टर और दरोगा ने बकाया रुपये बाद में देने की बात कहकर तैयार किए गए फर्नीचर को अपने घरों को भेज दिया था। उसने इंस्पेक्टर और दरोगा से कई बार अपने रुपये मांगे, लेकिन रुपये देने के बजाय दोनों उसे धमकाते रहे। इससे परेशान सुशील ने एसडीएम कोर्ट की शरण ली। एसडीएम विनीत कुमार उपाध्याय ने सुनवाई की और दोनों आरोपियों को दोषी पाया। इस पर उन्होंने इंस्पेक्टर घनश्याम राम और दरोगा सुरेंद्र सिंह को बकाया मजदूरी ढाई लाख रुपये और ढाई लाख रुपये जुर्माना कार पेंटर को देने के आदेश दिए हैं। पीड़ित कार पेंटर सुशील ने बताया कि उसे सात साल बाद न्याय मिला है। वह कोर्ट के फैसले से काफी खुश है।
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