बाराबंकी में यातायात नियमों का उड़ाया जा रहा मखौल, कहीं बाइक को बना दिया आटो तो कहीं पुलिसकर्मी खुद नहीं लगा रहें हेल्मेट

बीता एक पखवाड़ा, सख्ती के बाद भी टूट रहे यातायात नियम

बाराबंकी में यातायात नियमों का उड़ाया जा रहा मखौल, कहीं बाइक को बना दिया आटो तो कहीं पुलिसकर्मी खुद नहीं लगा रहें हेल्मेट

बाराबंकी, अमृत विचार। यातायात नियमों का सख्ती से अनुपालन कराने, लोगों को हेलमेट व सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रशासन की ओर से सख्ती बरती जा रही है। इसके बावजूद लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। यातायात माह में भी शहर में भीषण जाम लग रहा है। रास्ते में बेतरतीब खड़े वाहन परेशानी का सबब बने हैं।

मुख्य सड़कों पर लोग बिना हेलमेट ट्रिपलिंग करते देखे जा रहे हैं। किसान पथ जैसे व्यस्ततम रोड पर पर लोग गलत दिशा से वाहन लेकर गुजर रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक तमाम लोगों ने अभी तक अपने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगवाई है। आलम यह है कि यातायात नियमों की अनदेखी के चलते ही हादसे हो रहै हैं और लोगों की मौतें भी हो रही हैं। यह हालात तब हैं जब यातायात माह के 15 दिन बीत चुके हैं।

एक नवंबर को जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और एसपी दिनेश कुमार सिंह ने जागरुकता रैली को हरी झंडी दिखाकर यातायात माह की शुरुआत की थी। यातायात माह के दौरान पुलिस सड़कों पर वाहन चालकों को नियमों की जानकारी देती है। साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई भी की जाती है। शहर के लगभग सभी मुख्य चौराहों पर यातायात पुलिस नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान करती है।

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टीएसआई राम यतन यादव खुद पूरे शरह में घूम घूमकर लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरुक कर रहे हैं। तमाम स्कूलों मे जाकर बच्चों को जागरुक कर रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी लोगों के अंदर अपनी जान की तनिक भी परवाह नहीं है। लोग खुलेआम यातायात नियमों को तोड़ रहे हैं और अपनी ही लापरवाही के चलते हादसे का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं। आलम यह है कि शहर में ई-रिक्शा के रूट निर्धारित हैं। उसके बाद भी ई-रिक्शा चालत प्लान ध्वस्त कर रहे हैं।

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अधिकांश ई-रिक्शों के चलाक नाबालिग हैं। बिना लाइसेंस वाहन चला रहे हैं। वहीं हाल दो पहिया वाहनों का भी है। अधिकाश नाबालिग बच्चे ही बाइक से सड़क पर फर्राटा भरते नजर आते हैं। पुलिस की तैनाती के बावजूद बिना हेलमेट ट्रिपलिंग करते बाइक सवार निकल रहे हैं। कुल मिला कर एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी न तो लोग जागरूक हुए और न ही जिम्मेदार संजीदा दिख रहे हैं।

डग्गामार बसों की भरमार

जिले में डग्गामार बसों की भी भरमार है। शहर में कई जगहों पर निजी बसों का बकायदा स्टैंड चलता है। जहां हर समय निजी बसें यात्रियों को बिठाती और उतारती दिख जाती हैं। इन पर कार्रवाई न होने से कोई लगाम नहीं लग रही। जिले में कई ट्रांसपोर्टों द्वारा बिना परमिट निजी बसों का संचालन हो रहा है। डग्गामार बसों ने अपना स्टैंड बना रखा है। जहां से निजी बस चालक सरकारी बसों की सवारियों को जबरन बैठाते व उतारते हैं। जानकारी के मुताबिक इस बस स्टैंडों से बाकायदा वसूली होती है।

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खुद भी नहीं मान रहे नियम

यातायात माह में वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाने वाले पुलिसकर्मी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चलाते हैं। जबकि यातायात के नियमों का पालन न करने वाले आम लोगों का चालान काटा जा रहा है, लेकिन खुद सारे नियमों को दरकिनार कर बिना हेलमेट के घूम रही है। हालांकि बीते दिनों कुछ पुलिसकर्मियों के चालान करने की तस्वीरें जरूर सामने आई हैं।

लोगों को यातायात नियमों को लेकर लगातार जागरुक किया जा रहा है। जनजागरुकता कार्यक्रम किये जा रहे हैं। बीते 15 दिनों में करीब 10 हजार वाहनों के चालान भी किये जा चुके हैं। हमारी प्राथमिकता लोगों से यातायात नियमों का पालन कराना है... राम यतन यादव, टीएसआई।

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