रुद्रपुर: आरोपी बोले हम हैं अधिवक्ता, प्रधान एवं एंटी ह्यूमन क्राइम, कई घंटे तक बंधक बनाकर देते रहे यातनाएं
रुद्रपुर, अमृत विचार। काशीपुर के एक सेवानिवृत्त शिक्षक को असहाय महिला समझकर मदद करना महंगा पड़ गया। शिक्षक का आरोप था कि जिस वक्त महिला ने बहाने से बुलाकर अपने घर ले गई। उस वक्त घर पर कोई नहीं था और जब जबरन महिला कपड़े फाड़ने की कोशिश कर रही थी। तभी तीन युवक आये और खुद को अधिवक्ता, प्रधान और एंटी हयूमन क्राइम सेल का पुलिस कर्मी बताने लगे।
शिकायतकर्ता शिक्षक का कहना कि 31 अगस्त की सुबह 11 बजे अपने साथी शिक्षक से मिलने के बाद उसने गौरी वर्मा उर्फ दमयंती वर्मा नाम की महिला को फोन किया था। 12 बजे के करीब वह अपनी भाभी का मकान बताकर साथ ले गई। जब महिला जबरदस्ती कर रही थी। तभी विवेक कुमार बठला उर्फ विक्की बठला खुद को हाईकोर्ट का अधिवक्ता तो दूसरा आरोपी खुद को बिलासपुर इलाके का प्रधान बता रहा था, जबकि तीसरा आरोपी एंटी ह्यूमन पुलिस क्राइम सेल कर्मी बता रहा था।
आरोप था कि तीनों ने पहले महिला के साथ दुष्कर्म किए जाने की सूचना मिलने की बात कही। जब आरोपों को नये सिरे से खारिज कर दिया और पैसा देने से इंकार कर दिया। तब तीनों ने अपने-अपने पद का नाम लेकर भयभीत किया और बार-बार कभी चाकू दिखाकर तो कभी जबरन कपड़े उतारने के बाद वीडियो को वायरल करने की धमकी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने इतना डरा दिया था कि उसकी सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो चुकी थी और वह यही सोच रहा था कि वह कैसे इनके चंगुल से बचे। कारण दोपहर से लेकर शाम तक बंधक बनाकर यातनाएं देने का दौर चलता रहा। उसने पहले वहां से सुरक्षित निकलने को प्राथमिकता दी।
बंधक बनाकर एटीएम तक ले गए आरोपी
पीड़ित सेवानिवृत्त शिक्षक का कहना था कि यातनाएं देने के बाद जब उसने पेटीएम या फिर गुगल पे नहीं चलाने की बात कही तो सभी आरोपी उसे बंधक बनाकर गाबा चौक स्थित एक एटीएम कक्ष ले गए। जहां डिस्ट्रिक्ट को ऑपरेटिव बैंक के खाता एटीएम से 80 हजार, एसबीआई एटीएम से एक लाख रुपये निकाले। बावजूद जब खाते से सारा पैसा निकल गया। आरोपी पुन: महिला के घर ले गए और रिश्तेदारों से पैसा मंगवाने का दबाव बनाते रहे। शाम तक 3.65 लाख की रकम ब्लैकमेल कर दो खातों में डलवाए।
क्या शिक्षक को फंसाने का कदम था पानी पीना
28 अगस्त को बिना परिचित होने के बाद भी अचानक हड़बड़ाहट में सेवानिवृत्त शिक्षक की किराना स्टोर पर एक महिला का आना कहीं हनी ट्रैप में फंसाने का पहला कदम तो नहीं था। फिर महिला को पता था कि शिक्षक अक्सर रुद्रपुर आता जाता रहता है। आशंका जताई जा रही है कि महिला को पता था कि जब भी सेवानिवृत शिक्षक जरूर फोन करेंगे। कारण शिक्षक ने मानवता का परिचय दिया, लेकिन महिला ने मायाजाल में फंसाने की रणनीति बनाई थी।
सस्ते गल्ले का डिपो चलाता है अजय
हनी ट्रैप में फंसे रपुरा बस्ती निवासी अजय गुप्ता की पत्नी के नाम सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान है। आरोपी राशन वितरण का काम भी देखता है, लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि राशन कार्ड की आड़ में आरोपी हनी ट्रैप जैसा घिनौना धंधा भी संचालित करता है। ऐसे में अब पुलिस पर्दे के छिपे गिरोह के सदस्यों को भी चिह्नित करने में जुट गई है और जल्द खुलासा करने का दावा कर रही है।
शिकायतों का दौर हो सकता है तेज
एएचटीयू एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार गौरी वर्मा और अजय गुप्ता से पूछताछ की तो पुलिस के सामने अधिवक्ता सहित 12 ऐसे सक्रिय सदस्यों के नाम सामने आए हैं। जिन की भूमिका ब्लैकमेल में है। इसके अलावा गिरोह का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि अब पुलिस के सामने गिरोह से पीड़ित लोग भी आने शुरू हो गए हैं। चर्चा है कि दो पीड़ितों ने पुलिस को तहरीर भी सौंप दी है।
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