CM योगी का बड़ा एक्शन, एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारी निलंबित
-जमीन की पैमाइश लटकाए रखने पर राज्य सरकार ने की कार्रवाई
लखनऊ, अमृत विचार: राज्य सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने को लेकर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अलग-अलग जिलों में तैनात इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। कार्रवाई की जद में आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह, बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह व बुलंदशहर की एसडीएम रेनु रहे। इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।
दरअसल बीते दिनों, लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलक्ट्रेट परिसर गए और बीच सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए 5 हजार रुपये रिश्वत लिए गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए।
इस मामले में का संज्ञान उच्चस्तर से लिया गया और जांच के आदेश दिए गए।
नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के डीएम से इसकी पूरी रिपोर्ट तलब की थी। इसमें यह पूछा कि 6 साल पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहे। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों को दोषी पाया गया है। इससे पहले बुधवार दिन में शासन स्तर पर बैठक भी हुई थी।
डीएम की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
पूरा प्रकरण कानूनगो को रिश्वत देने के बाद भी आरएसएस के नकहा खंड के कार्यवाह विश्वेश्वर से जुड़ा है। इन्हीं की जमीन की पैमाइश न कराने के 6 साल के विवाद का 20 दिन की जांच के बाद पटाक्षेप हुआ है। 20 दिन पहले विश्वेश्वर ने सदर विधायक योगेश वर्मा के सामने अपने साथ हुए अन्याय का मामला रखा था। विधायक ने एसडीएम सदर कार्यालय जाकर नाराजगी जताई थी।डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने जांच कराई। 20 दिन में जांच पूरी हुई और डीएम की जांच रिपोर्ट पर बुधवार को एक आईएएस अफसर और तीन पीसीएस अफसरों को शासन ने निलंबित कर दिया है।
ये भी पढें-सावधान: सोशल मीडिया पर रील देखकर कर खुद से न करें इलाज