पीलीभीत: चीनी मिल के बाहर किसानों का हंगामा, अफसरों के इशारे पर उखाड़ा टेंट तो भड़के

पिछले पेराई सत्र के भुगतान की मांग कर रहे थे किसान

पीलीभीत: चीनी मिल के बाहर किसानों का हंगामा, अफसरों के इशारे पर उखाड़ा टेंट तो भड़के

बरखेड़ा, अमृत विचार। पिछले पेराई सत्र का गन्ना मूल्य भुगतान करने समेत दो मांगों को लेकर बजाज चीनी मिल के बाहर चल रहे धरना प्रदर्शन के दौरान रविवार सुबह हंगामा हो गया। एडीएम की अगुवाई में पहुंचे अफसरों ने किसानों से वार्ता की। आरोप है कि फिर जिम्मेदारों के इशारे पर मिल के कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों का टेंट उखाड़ दिया। जिसके बाद किसान गुस्सा गए और फिर बड़ी संख्या में एकत्र होकर अफसरों के जाते ही मिल के निकास द्वार के पास पड़ी जगह में दोबारा से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। अफसरों के रवैये पर भी नाराजगी जताई जाती रही। दोपहर बाद सिटी मजिस्ट्रेट, गन्ना अधिकारी ने पहुंचकर मिल अफसर और किसानों से वार्ता करके बमुश्किल धरना समाप्त कराया।
  
बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल का नया पेराई सत्र आठ नवंबर से शुरू हो गया था। एक तरफ मिल के अधिकारियों ने पूजन संपन्न कराया, वहीं किसानों ने मिल के नए पेराई सत्र की शुरुआत के दिन ही गेट पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उनकी मांग थी कि पिछले वर्ष का संपूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान दिया जाए। इसके अलावा बाजार से अधिक मूल्य पर दवाई के वितरण का रुपया भी वापस किया जाए। बताते हैं कि मिल पर करीब 92 करोड़ से अधिक का भुगतान लंबित है। मिल के अधिकारियों ने पहले दिन ही धरना स्थल पर पहुंचकर दिसंबर तक भुगतान करने का आश्वासन दिया था लेकिन बात नहीं बन सकी थी। तीसरे दिन रविवार को बड़ी संख्या में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे थे।  सुबह करीब साढ़े नौ बजे एडीएम वित्त एवं राजस्व त्रतु पूनिया, एसडीएम बीसलपुर  नागेंद्र पांडेय, सीओ बीसलपुर डॉ. प्रतीक दहिया, एसडीएम सदर महिपाल सिंह, जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव आदि अधिकारी प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे। 

पहली बनी फिर बिगड़ी बात
इंस्पेक्टर बरखेड़ा मुकेश शुक्ला पुलिस बल के साथ मौजूद थे। किसानों से वार्ता की गई। एडीएम ने कहा कि धरना पर मौजूद किसान अपने नाम और गांव के साथ ही बकाए की जानकारी के साथ सूची तैयार करके उन्हें दें, इसका पेमेंट करा दिया जाएगा।  इसी बीच जिला पंचायत सदस्य परमेश्वरी दयाल गंगवार ने ये कह दिया कि उन्हें समस्त गन्ना किसानों का बकाया भुगतान चाहिए।  तभी धरना समाप्त होगा। 

अफसरों के इशारे पर उखाड़ा टेंट
इस पर मामला बिगड़ा और फिर अधिकारियों ने इंस्पेक्टर बरखेड़ा से जिला पंचायत सदस्य को पकड़ने का आदेश दे दिया। आरोप है कि अपशब्द भी कहे गए।  पुलिस पकड़ती इससे पहले ही जिला पंचायत सदस्य धरना स्थल से भाग गए।  आरोप है कि इसके बाद अफसरों के इशारे पर मिल कर्मियों के द्वारा प्रदर्शनकारियों का टेंट उखड़वा दिया गया।  चीनी मिल यार्ड के गेट भी खुलवा दिए गए। 

अफसरों के रवैये से हुए नाराज
कुछ देर रुकने के बाद अफसर चले गए।  जिम्मेदारों के इस रवैये को लेकर किसान आक्रोशित हो गए। फिर दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पहले से भी अधिक संख्या में किसान जमा हो गए।  इसके बाद चीनी मिल के वाहन निकास द्वार के बाहर पड़ी जगह पर तिरपाल बिछाकर दोबारा धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया।  देखते ही देखते ही प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ती चली गई।  इसकी  सूचना मिलने पर एसडीएम व सीओ बीसलपुर  वापस चीनी मिल आ गए और डेरा जमा लिया।  प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को रखते गए और टैंट उखाड़ने व अपशब्द कहने को लेकर नाराजगी जताई जाती रही।

किसानों से दोबारा शुरू की वार्ता
एसडीएम सीओ ने मनाने का प्रयास किया लेकिन किसान नहीं माने। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य भी वापस आ चुके थे। दोपहर तीन बजे के बाद डीएम संजय कुमार सिंह के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव के साथ मौके पर पहुंच गए।  उन्होंने पहले किसानों से वार्ता की और फिर चीनी मिल के अधिकारियों के पास भी गए।  फिर किसानों के बीच ही मिल के यूनिट हेड  आशीष  त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारियों को भी बुला लिया गया।

आश्वासन पर धरना किया समाप्त
दोनों पक्षों की मौजूदगी में सिटी मजिस्ट्रेट ने वार्ता कराई। जिसमें भुगतान को लेकर दिए गए आश्वासन पर किसान मान गए और धरना समाप्त कर दिया गया।   हालांकि ये चेतावनी दे दी गई कि जब तक पूरा बकाया भुगतान  नहीं कर दिया जाता, चीनी मिल को गन्ना नहीं दिया जाएगा। जिसे गन्ना देना है, वह दे सकता है, उसे रोका नहीं जाएगा।  इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने ये आग्रह किया गया जिसका भुगतान होता जाए वह किसान इच्छानुसार गन्न मिल को देते रहें। 

जानिए क्या बोले सिटी मजिस्ट्रेट
सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर ने बताया कि बरखेड़ा चीनी मिल में बकाया भुगतान को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा था। डीएम के निर्देश पर मौके पर गया था। मिल के अधिकारियों ने पंद्रह दिसंबर तक बकाया भुगतान करने का आश्वासन दिया है। इस पर किसान मान गए और धरना समाप्त कर दिया है।