Bareilly: गांव वालों से पंगा लेना पड़ा भारी, रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता की खुल गई करोड़ों की काली कमाई

छह साल पहले हुए थे सेवानिवृत्त, विजिलेंस की जांच में आय से ज्यादा पाई गई संपत्ति, गिरफ्तारी की तैयारी

Bareilly: गांव वालों से पंगा लेना पड़ा भारी, रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता की खुल गई करोड़ों की काली कमाई

बरेली, अमृत विचार : सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता देवराज नौकरी में रहते हुए करोड़ों की काली कमाई करने के मामले में फंस गए हैं। जांच में आय की तुलना में ज्यादा संपत्ति पाए जाने के बाद विजिलेंस के इंस्पेक्टर ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अब उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है।

शाही के गांव कुल्छा के रहने वाले देवराज छह साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे और अब अपने गांव में ही रह रहे हैं। उनके खिलाफ पिछले साल आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें हुई थीं। अधिकारियों के आदेश पर विजिलेंस के इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने जांच शुरू की तो पता चला कि देवराज ने अपने सेवाकाल में वेतन और दूसरे वैध स्रोतों से 2 करोड़ 31 लाख 52 हजार 094 रुपये अर्जित किए थे लेकिन परिवार के भरण पोषण और संपत्तियों की खरीददारी पर 3 करोड़ 33 लाख 29 हजार 987 रुपये खर्च किए। जांच पूरी होने के बाद इंस्पेक्टर अरविंद सिंह ने आय से अधिक अर्जित किए गए 1 करोड़ 1 लाख 77 हजार 893 रुपये की कमाई का स्रोत पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

विजिलेंस की ओर से देवराज को नोटिस भी भेजा गया, लेकिन उन्होंने नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया। शनिवार को इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बरेली सेक्टर के थाना विजिलेंस में तहरीर देकर देवराज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी।

कई एकड़ खेती, तमाम प्लॉट और 24 बैंक खाते
देवराज सरकारी नौकरी से छह साल पहले रिटायर होने के बाद अब अपने पैतृक गांव कुल्छा में ही रह रहे हैं। बताया जाता है कि रिटायर होने के बाद भी अफसरी का रोब कम नहीं हुआ और उन्होंने एक के बाद एक गांव के लोगों से पंगा लेना शुरू कर दिया। नतीजा यह हुआ कि गांव के कुछ लोगों ने आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के मामले में न सिर्फ उनके खिलाफ एक के बाद एक कई शिकायतें कीं बल्कि उन पर जांच कराने के लिए लखनऊ तक की दौड़ लगाई। 

आखिरकार देवराज के खिलाफ 10 जून 2024 को विजिलेंस जांच का आदेश दे दिया गया। देवराज के खिलाफ पहले गोपनीय और फिर खुली जांच की गई। इसमें पाया गया कि देवराज ने अपनी नौकरी जमकर काली कमाई की। कई एकड़ खेती के साथ तमाम प्लॉट भी उनके और उनके परिजनों के नाम निकले जिन्हें उन्होंने भेंट में मिला बता दिया। हैरतअंगेज ढंग से अलग-अलग बैंकों में उनके 24 खाते भी पाए गए जिनके बारे में वह कोई जवाब नहीं दे पाए।

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