...तो बदमाशों ने पुष्पेंद्र की इस वजह से की हत्या? बरेली में SSP ने लगाईं पांच टीमें

...तो बदमाशों ने पुष्पेंद्र की इस वजह से की हत्या? बरेली में SSP ने लगाईं पांच टीमें

बरेली, अमृत विचार : भुता के गांव खरदा के रहने वाले पुष्पेंद्र गंगवार उर्फ पुष्पाल के भाई विनोद की भी वर्ष 2021 में हत्या कर दी गई थी। इसमें हिस्ट्रीशीटर पूर्व प्रधान पूरनलाल, पवन और अर्जुन को नामजद किया था। इस केस में पुष्पेंद्र समेत सारे गवाहों की गवाही हो चुकी है और अब बृहस्पतिवार को फैसला आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि आरोपियों को उम्रकैद की सजा होने की आशंका थी। इसी कारण उन्होंने फैसला आने से पहले पुष्पेंद्र की भी हत्या कर दी।

भाई विनोद की हत्या के बाद से पुष्पेंद्र ने गांव छोड़कर पीलीभीत रोड पर पासपोर्ट कार्यालय के पीछे किराए के मकान में रहना शुरू कर दिया था। वह गांव में अपनी खेती देखने रोज जाते थे लेकिन रात होने से पहले लौट आते थे। पुष्पेंद्र के भाई विनोद का भुता में एक प्लॉट पर कब्जे और प्रधानी के चुनाव की वजह से पूर्व प्रधान पूरनलाल और उसके परिजनों से विवाद था। प्रधानी के चुनाव से पहले विनोद की भी गांव के पास ही पूरनलाल के भाई पवन ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसमें पूरनलाल, पवन और अर्जुन को नामजद किया गया था। पुष्पेंद्र विनोद की हत्या के केस में गवाह भी थे।

पुष्पेंद्र की हत्या के बाद एसएसपी की ओर से गठित पांचों टीमों ने आरोपियों की तलाश में दबिश देनी शुरू कर दी। इनमें एसओजी, सर्विलांस और थाना पुलिस की टीमें शामिल हैं। अफसरों के मुताबिक टीमों ने देर रात तक आरोपियों के दो दर्जन से ज्यादा ठिकानों दबिश दी। एसएसपी भी भुता थाने में बैठ कर टीमों की मॉटरिंग करते रहे। उन्होंने पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की भी बात कही है। गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

हत्या से पहले ही जेल चला गया पूर्व प्रधान
कहा जा रहा है कि पुष्पेंद्र की हत्या की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी। पुष्पेंद्र के भाई की हत्या में नामजद हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल महीना भर पहले ही पुराने केस में हाजिर होकर जेल जेल चला गया ताकि पुष्पेंद्र के हत्याकांड में उसका नाम न आए। यह भी सुगबुगाहट है कि पुष्पेंद्र की हत्या के लिए सुपारी भी दी गई थी।

अस्पताल के बाहर बार-बार बेहोश हुई पत्नी
गोली लगने के बाद पुष्पेंद्र को पुलिस मेडिसिटी अस्पताल लेकर पहुंची जहां सैकड़ों ग्रामीण भी पहुंच गए। लोगों में भारी गुस्सा था। सीओ ने उन्हें समझाबुझाकर शांत किया। इस दौरान पुष्पेंद्र की पत्नी रोते हुए बार-बार बेहोश होती रही। उससे लिपटकर रो रहे बेटे को देखकर माहौल भावुक हो गया।

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