Kannauj: बैंक ने किया बीमा, नहीं दिया क्लेम, उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने 30 दिनों के भीतर दो लाख रुपये देने का सुनाया फैसला

Kannauj: बैंक ने किया बीमा, नहीं दिया क्लेम, उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने 30 दिनों के भीतर दो लाख रुपये देने का सुनाया फैसला

कन्नौज, अमृत विचार। आर्यावर्त बैंक ने 330 रुपये लेकर खाताधारक का दो लाख रुपये का जीवन बीमा कर दिया। बीमित अवधि में युवक की मौत हो गई। पीड़ित पिता ने जब मुआवजा मांगा तो मृत्यु प्रमाण पत्र में कमी बताकर दावा निरस्त कर दिया गया। 

परेशान खाताधारक के पिता ने जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग का दरवाजा खटखटाया। जहां से स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड लखनऊ के लिए कहा गया है कि 30 दिन के अंदर दो लाख रुपये के अलावा 10 हजार रुपये अन्य खर्चे में दिए जाएं। 

तहसील सदर के अधिवक्ता यादवेंद्र किशोर यादव ने बताया कि जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष जगन्नाथ मिश्र, सदस्य वंदना मिश्रा व लोकेश पुंडीर ने वादी विश्राम सिंह पुत्र अंगदलाल निवासी फतेहपुर जसोदा कोतवाली गुरसहायगंज के मुकदमे में फैसला दिया है। दरअसल, विश्राम सिंह के पुत्र सुमनवीर का बचत खाता आर्यावर्त बैंक फतेहपुर जसोदा में चल रहा है। 

सुमनवीर ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 25 जुलाई 2019 को 330 रुपये देकर दो लाख रुपये की पॉलिसी ली। बीमित अवधि 11 नवंबर 2019 में सुमनवीर की मृत्यु हो गई। यादवेंद्र किशोर यादव ने बताया कि खाते व बीमा में विश्रमा सिंह नामिनी हैं उसकी सूचना दो दिसंबर 2019 को फोन से बीमा कंपनी को दी। कहा कि बैंक शाखा जाकर दावा फार्म भरवाकर कार्यालय में भिजवाओ तब परिवादी बैंक गया। 

वहां जरूरी सभी कागजात सात दिसंबर को जमा किए। 13 दिसंबर को पुन: बुलाकर दावे फार्म पर परिवादी व गवाहों के हस्ताक्षर कराकर जमा किए। उसके बाद भी जब दो लाख रुपये बीमा का लाभ नहीं दिया तो आरटीआई से सूचना मांगी जिसमें मुत्यु प्रमाण पत्र को वास्तविक नहीं बताया और दावा खारिज करने का हवाला दिया। 

इस पर वादी ने बताया कि अगर कोई गलती थी तो वादी को हिंदी में जानकारी देकर सही कराना चाहिए था। ऐसा नहीं किया गया। जानबूझकर दावा निरस्त किया गया। आठ फरवरी 2022 को नोटिस व 21 मार्च को स्मरण पत्र भेजा लेकिन क्लेम का भुगतान नहीं किया गया। न ही जवाब दिया गया। दूसरी ओर आयोग में अपना पक्ष रखने के लिए विपक्षी नहीं आए और न ही बहस के लिए कोई पहुंचा। 

पीड़ित ने इनको बनाया था पार्टी

अध्यक्ष व दो सदस्यों ने स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड लखनऊ से कहा है कि वादी को दो लाख रुपये का भुगतान निर्णय से 30 दिन के अंदर करने को कहा गया। साथ ही सात फीसदी वार्षिक साधारण ब्याज दर, वाद का खर्च पांच हजार रुपये व मानसिक क्लेश का भी पांच हजार रुपये देने का निर्णय सुनाया गया। अधिवक्ता का कहना है कि इस मामले में उन्होंने बीमा कंपनी के अलावा आर्यावर्त बैंक शाखा फतेहपुर जसोदा के शाखा प्रबंधक को भी पार्टी बनाया था।

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