सल्ट बस हादसा: किसी को नहीं पता था कि अगले मोड़ पर मौत खड़ी है...और लुट गईं खुशियां

सल्ट बस हादसा: किसी को नहीं पता था कि अगले मोड़ पर मौत खड़ी है...और लुट गईं खुशियां

रामनगर/अल्मोड़ा, अमृत विचार। दीपावली की छुट्टियां समाप्त होते ही लोग हंसी खुशी महानगरों में अपने काम पर लौट रहे थे। किसी को क्या पता था कि अगले कूपी मोड़ पर मौत उनका इंतजार कर रही है। इस बड़े हादसे ने हर किसी को अंदर तक झकझोर कर रख दिया। एक के बाद एक सायरन बजाती एम्बुलेंस रामनगर के अस्पताल में जैसे ही पहुंची, परिजनों की निगाहें घायलों में तलाशने में जुट गई।

अस्पताल के बाहर एकत्र भीड़ को हटाकर एम्बुलेंस के लिए रास्ता बनाने में पुलिस कर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। रोते-बिलखते परिजन अपनो की तलाश में जुटे थे। पौड़ी गढ़वाल जिले के अंर्तगत जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई उस क्षेत्र के अधिकांश लोगों की रिशेदारी रामनगर में है। बस में सवार लोगों में स्कूली छात्र, बुजुर्ग, नौजवान, महिलाएं और पुरुष सभी शामिल थे। कोई दीपावली की छुट्टियों में अपने घर आया था। 

छुट्टियां समाप्त होते ही सभी लोग बस में सवार होकर वापस लौट रहे थे। मगर सोमवार की तड़के ही बस की दुर्घटना ने सबको झकझोर दिया। जिसने भी सुना वह रामनगर अस्पताल की ओर दौड़ पड़ा। कई लोग अस्पताल प्रशासन से अपने परिजनों के नाम पूछते नजर आये। वहीं कुछ लोग वार्डों में भर्ती घायलों के चेहरे देखने के लिए दौड़ पड़े। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते कुछ घायलों ने दम तोड़ दिया। यह नजारा देख हर किसी की आंखे नम हो गईं। 

घायलों के लिए रक्तदान की लगी होड़
हादसे में घायलों की सेवा के लिए युवा वर्ग खुलकर सामने आया। कौमी एकता की मिसाल कायम करते हुए लगभग सभी वर्ग के युवाओं ने रक्तदान देने की पहल की है। एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि घायलों को रक्त देने के लिए 150 लोगों की टीम पूरी तरह तैयार हो चुकी है। फिलहाल अभी तक 50 यूनिट रक्त एकत्र किया जा चुका है। खून देने के लिए युवा अस्पताल पहुंच रहे हैं।

एम्स के चिकित्सक भी पहुंचे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एम्स ऋषिकेश से चिकित्सक घायलों का उपचार करने के लिए रामनगर पहुंचे। उन्होंने गंभीर रूप से घायलों को ऋषिकेश रेफर किया। 

घायल बेटा ऋषिकेश में, मां-बाप ढूंढ रहे हल्द्वानी में 
गोलीखाल की रहने वाली गीतांजली को सुबह जब पता चला कि उसके बेटा बस दुर्घटना में घायल हो गया है वह तुरंत ही रामनगर में पहुंची। यहां पहुंचने पर वह अपने बेटे से मिली। उसके बेटे को एंबुलेंस की मदद से अन्य अस्पताल में रेफर किया जा रहा था। लोगों से उसे गलत जानकारी मिली कि उसका बेटा हल्द्वानी भेजा गया है। हल्द्वानी पहुंचने पर पता चला कि उसका बेटा ऋषिकेश भेजा गया है। इसके बाद वह वहां के लिये रवाना हुई।

त्योहार निपटने के बाद गीतांजली ने अपने बेटे राहुल को सुबह रामनगर के लिये रवाना किया। राहुल रामनगर में पढ़ाई करता है। वह सुबह प्राइवेट बस से रामनगर के लिये रवाना हुआ। गीतांजली ने बताया कि राहुल को भेजने के बाद वह घर में काम कर रही थी। अचानक घर में मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाला ने बताया कि मार्चुला के पास सड़क हादसे में आपका बेटा घायल हो गया है। उसे रामनगर ले जाया गया है। यह सुनकर गीतांजली के पांव के नीचे से जमीन निकल गई। उसने अपने पति को इसकी जानकारी दी।

दोनों ही एक अन्य रिश्तेदार को साथ लेकर एक गाड़ी बुक करके रामनगर सरकारी अस्पताल में पहुंचे। अस्पताल में बेटे को देखा तो जान में जान आई लेकिन थोड़ी ही देर में राहुल को अन्य किसी अस्पताल के लिये रेफर किया गया है और एंबुलेंस से भेज दिया। गीतांजली को बताया कि एंबुलेंस को हल्द्वानी में डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा जा रहा है। अस्पताल में दोनों ही मां-बाप काफी देर तक घायलों में राहुल को ढूंढते रहे लेकिन कुछ पता नहीं चला। किसी अनहोनी की बात सोचकर दोनों ही रोने लगे। तब सीटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने तुरंत ही उनसे मामले की जानकारी ली। उन्होंने पता करवाया तो पता चला कि राहुल को एम्स ऋषिकेश के लिये एयर लिफ्ट से ले गये हैं। दोनों ही मां-बाप फिर एम्स के लिये रवाना हो गये।

सिटी मजिस्ट्रेट के कहने पर बनवाई हेल्प डेस्क
हल्द्वानी। इस स्थिति को समझते हुये सीटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने तुरंत ही एसटीएच के एमएस डॉ. जीएस तितियाल से बात की। उनके कहने पर एमएस ने इमरजेंसी वार्ड वाले काउंटर में हेल्प डेस्क बना दी। हेल्प डेस्क में बैठे कर्मचारी को घायलों के संबंध में पूछने के लिये आने वाले मरीजों की सभी जानकारी देने के लिये कहा गया।

सांसद अजय भट्ट को करना पड़ा रोष का सामना
घायलों का हाल जानने के लिए पहुंचे सांसद अजय भट्ट को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा कि रामनगर अस्पताल को रेफर सेंटर बनाकर रख दिया है। इसे पीपीपी मोड़ से हटाया जाना चाहिए। गुस्साये लोगों ने कहा कि अस्पताल में केवल लोगों को रेफर करने के अलावा कोई सुविधा नहीं है, लेकिन फिर भी सरकार इसको पीपीपी मोड़ से हटाने में न जाने क्यों हिचकिचा रही है। सांसद भट्ट ने कहा कि यह समय घायलों और पीड़ितों की मदद करने का है। जनभावनाओं को ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि वह जनता की बात को सरकार के समक्ष रखेंगे।

मुख्यमंत्री ने जाना हाल, लोगों ने किया विरोध
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मथुरा बस दुर्घटना में घायल हुए लोगों का हाल-चाल जानने रामदत्त जोशी चिकित्सालय रामनगर पहुंचे। उन्होंने घायलों का हाल जाना और प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य में किसी भी प्रकार की ढीलाई न बरतने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री नई दिल्ली से यहां पहुंचे थे।स्पताल पहुंचने पर सीएम धामी को लोगों का विरोध झेलना पड़ा। अस्पताल के बाहर मौजूद घायलों के तीमारदार और स्थानीय लोगों ने सीएम धामी के खिलाफ विरोध के नारे लगाते हुए नारेबाजी की और रामनगर रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय को पीपीपी मोड से हटाने की मांग की, लोगों ने कहा कि अस्पताल केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गया है।

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