IPS DK panda: वर्दी त्यागकर राधा रानी बने पूर्व आईपीएस पांडा से 381 करोड़ की ठगी, संत बनकर लंदन की कंपनी से कर रहे थे ट्रेडिंग

IPS DK panda: वर्दी त्यागकर राधा रानी बने पूर्व आईपीएस पांडा से 381 करोड़ की ठगी, संत बनकर लंदन की कंपनी से कर रहे थे ट्रेडिंग

प्रयागराज, अमृत विचार:  सोलह श्रृंगार करके राधा रानी के रुप में ड्यूटी पर जाने वाले पूर्व आईजी डीके पांडा उर्फ दूसरी राधा एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। अब पीतांबर धारण कर संत रुप में लंदन की एक कंपनी से ट्रेडिंग के दौरान उनसे 381 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पूर्व आईजी ने इसकी शिकायत प्रयागराज के धूमनगंज कोतवाली में दर्ज करवाई है। उनकी तहरीर पर पुलिस ने गहन छानबीन भी शुरू कर दी है। पांडा का आरोप है कि लंदन की कंपनी ने उनके साथ फ्राड किया। कंपनी के एक पदाधिकारी ने उन्हें धमकी दी कि उनके खाते मे आने वाली रकम से आतंकी फंडिंग हो रही है।

उड़ीसा के रहने वाले डीके (देवेंद्र किशोर) पांडा ने 2005 में आईपीएस से इस्तीफा दे दिया था। उस समय वे यूपी कैडर में आईजी के पद पर लखनऊ में तैनात थे। इसके बाद उन्होंने अपनी पहचान बाबा कृष्णानंद के रुप में बनाई और पीतांबर धारण कर प्रयागराज के धूमनगंज में रहने लगे। पांडा के मुताबिक कुछ समय पहले उनके पास एक वाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले राजस्थान निवासी आरव शर्मा ने कहा कि वो साइप्रस में रहता है। उसने फोन पर ही फिमनिक्स ग्रुप के वित्त अधिकारी राहुल गुप्ता से संपर्क करवाया। उसने एक ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम की जानकारी दी। धीरे-धीरे बात आगे बढ़ी और उसके कहने पर पांडा ने रुपये लगाने शुरू कर दिए।

WhatsApp Image 2024-10-29 at 8.11.45 AM

पांडा के मुताबिक इस कारोबार में विनीत गोयल नाम के व्यक्ति भी उनके साथ थे। कंपनी की तरफ से उनके कमीशन के रुपये भी खाते में आने शुरू हो गए। इस बीच उन्हें कंपनी की तरफ से 381 करोड़ रुपये मिलने थे। जब यह रकम खाते में आनी हुई तो कंपनी के आरव शर्मा नाम के पदाधिकारी का फोन आया और रुपये ट्रांसफर करने के एवज में आठ लाख रुपये की डिमांड करने लगा। उन्होंने रुपये देने से इंकार किया तो आरव ने कहा कि उनका आधार, पैन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज उसके पास है। वह इसका इस्तेमाल ट्रेरर फंडिंग में करेगा। उसने दीपक नाम के एक व्यक्ति से भी बात कराई जो आतंकी फंडिंग के लिए काम करता है। इस पर पांडा घबरा गए और पुलिस को सूचना दी। पांडा ने इस मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से करवाने की मांग की है।

विभाग की छवि धुमिल हुई तो सरकार ने किया किनारा

डीके पांडा 1971 बैच के आईपीएस थे। वह यूपी में कई बड़े पदों पर सेवारत रहे। वर्ष 2005 में अचानक उनका नया रुप सामने आया। वो होठ में लिपिस्टिक, कान में झुमका, नाक में नथिया और साड़ी पहनकर कार्यालय में जाने लगे। उनका कहना था कि वो श्रीकृष्ण प्रिया राधा रानी का स्वरुप हैं। रातो-रात पांडा की चर्चा देश-दुनिया में होने लगी। लेकिन उनके इस बर्ताव से पुलिस की छवि धुमिल होता देख सरकार ने उनपर दबाव बनाया। इसपर उन्होंने आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

WhatsApp Image 2024-10-29 at 8.11.56 AM

लेकिन 2015 तक वह राधा के रुप में ही नजर आते रहे। 2015 में अचानक फिर उनका स्वरुप बदला और पीतांबर धारण कर खुद की नई पहचान बाबा कृष्णानंद के रुप में बना ली। इसके पीछे दलील दिया कि भगवान श्रीकृष्ण ने खुद उन्हें ऐसा करने का आदेश दिया है। इसके बाद से वह अपने धूमनगंज वाले मकान में रहने लगे। समय-समय पर मीडिया में उनकी चर्चा होती रही, लेकिन इतनी बड़ी रकम की ठगी का मामला सामने आने के बाद वो सुर्खियों में है।

यह भी पढ़ें-धुआं न धमाका : Helicopter Demo संग ग्रीन पटाखों से सजने लगा लखनऊ का पटाखा बाजार

ताजा समाचार