हवालात में हुई मौतः CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल, अखिलेश यादव ने दी नाम बदलने की सलाह
हवालात में थे आधा दर्जन से अधिक लोग, पहचान हुई सार्वजनिक
लखनऊ, अमृत विचार: चिनहट पुलिस की हिरासत में शुक्रवार रात व्यापारी मोहित पांडेय की प्रताड़ना के बाद मौत हो गई। इस मामले में रविवार को हवालात की चार फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। सूत्रों की माने तो यह फुटेज पुलिस ने ही वायरल कराया है। हवालात में शुक्रवार रात मोहित और उसके भाई शोभाराम के अलावा करीब आधा दर्जन अन्य लोग थे। जिनकी पहचान बिना पुलिस की कार्रवाई के ही सार्वजनिक कर दी गई। जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का सीधा उल्लंघन है।
यह चिनहट थाने के लॉकअप का CCTV फुटेज है! जिसमें दिख रहा है कि रात एक बजे मोहित पाण्डेय की तबियत खराब है!
— 🇮🇳 Vishal JyotiDev Agarwal (@JyotiDevSpeaks) October 27, 2024
एक आम आदमी जो कभी थाना पुलिस के चक्कर में न पड़ा हो, उसके लिए किसी अपराध में थाने जाना या लॉकअप में बंद होना ही बहुत बड़ा Trauma है!
ऐसे लोगों को पुलिस को संवेदनशीलता से डील… pic.twitter.com/6LEFokh69m
सोशल मीडिया पर हवालात की जो फुटेज वायरल हुई है। उसमें मोहित पेट पकड़कर तड़पता दिख रहा है। वहीं, एक युवक दरवाजे पर खड़ा होकर पुलिस से मदद मांग रहा है। जबकि एक उसकी पीठ सहला रहा है। वहीं, करीब पांच लोग वहां बैठे है। जिनका चेहरा भी साफ फुटेज में दिख रहा है। पहला फुटेज 28 सेकेंड का है, जिसमें मोहित, आरोपी आदेश सहित चार लोग थाना परिसर में टहल रहे हैं। दूसरा एक मिनट 16 सेकेंड का है। जो हवाला में रात तीन बजे का है। जिसमें तीन लोग पहले से हवालात में थे। इसके बाद आदेश, फिर मोहित और शोभाराम अंदर आते है। एक अन्य युवक भी बाद में आता है। जो कुछ देर बाद चला जा रहा है। तीसरा वीडियो 38 सेकेंड का है। इसमें हवालात में आठ लोग है। एक युवक टहल रहा है, मोहित लेटा है। चौथ वीडियो एक मिनट 24 सेकेंड का है जो शनिवार दोपहर 1.36 बजे का है। मोहित करवट बदले है और अपना पेट पकड़ा है। फुटेज देखने से लग रहा है कि वह दर्द से तड़प रहा है। वहीं शोभाराम उसकी पीठ सहला रहा है। मोहित की हालत बिगड़ती देख एक युवक गेट पर जाता है पर कोई मदद नहीं मिलती।
ये मोहित पाण्डेय हैं,
— Voice Of Brahman(हिन्दू ) (@Sangam_vale4) October 26, 2024
प्राप्त जानकारी के अनुसार
किसी मजदूर की शिकायत पर चिनहट पुलिस इन्हें पकड़कर लाई थी।
जहां संदिग्ध परिस्थितियों में इनकी मृत्यु हो गई,
परिजनों ने आरोप लगाया है कि
पुलिस की पिटाई से युवक की मृत्यु हुई है।@myogiadityanath @shalabhmani @Uppolice pic.twitter.com/3tl0W2BZoW
अखिलेश यादव ने अपने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए) का यह दूसरा समाचार मिला है। नाम बदलने में माहिर सरकार को अब 'पुलिस हिरासत' का भी नाम बदल देना चाहिए और 'अत्याचार गृह' रख देना चाहिए। पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।
उप्र की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस ‘हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए)’ का दूसरा समाचार मिला है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 27, 2024
नाम बदलने में माहिर सरकार को अब ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ रख देना चाहिए।
पीड़ित परिवार की हर माँग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।
आरोपियों की तस्वीरें सार्वजनिक करने का अधिकार नहीं
नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। काफी सरकारी संपत्तियों का नुकसान हुआ। प्रदेश सरकार ने हिंसा में शामिल सभी आरोपियों की तस्वीरें सार्वजनिक तौर पर लगवा दीं। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तत्काल हटवाने को कहा था। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने प्रदेश सरकार से सवाल किया कि उन्हें आरोपियों की तस्वीरें लगाने का अधिकार किस कानून के तहत मिला है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी तक शायद ऐसा कानून नहीं है जिसके तहत आरोपियों की तस्वीरों को सार्वजनिक की जाएं।
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