डिजिटल अरेस्ट पर चिंता

डिजिटल अरेस्ट पर चिंता

भारत में तेजी से बढ़ रहे ‘डिजिटल अरेस्ट’ के मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जाहिर करते हुए नागरिकों से जागरूक रहने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में कहा कि जो लोग भी इस तरह की साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को इसके बारे में बताना चाहिए।

गौरतलब है कि 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स के साथ, भारत ने डिजिटल इंडिया पहल के तहत असाधारण डिजिटल विकास किया है। लेकिन इस प्रगति के साथ साइबर धोखाधड़ी की चुनौतियां भी आई हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में साइबर अपराधों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। 2017 में 3,466 मामले, 2018 में 3,353, 2019 में 6,229, 2020 में 10,395, 2021 में 14,007 और 2022 में 17,470 मामले दर्ज किए गए।

गृह मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट के मामलों को लेकर गत मार्च में लोगों को पुलिस अधिकारियों, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, नारकोटिक्स विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक प्रवर्तन निदेशालय और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के नाम पर फर्जी कॉल करने वाले ब्लैकमेलर्स के प्रति सतर्क किया था। मंत्रालय ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4 सी) की स्थापना साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए की थी। गृह मंत्रालय ने 1,000 से अधिक स्काइप खातों को ब्लॉक कर दिया, जो सरकारी कर्मियों के रूप में प्रस्तुत होने वाले साइबर अपराधियों द्वारा नागरिकों को धमकाने, ब्लैकमेल करने, जबरन वसूली करने और  ‘डिजिटल अरेस्ट’ से जुड़े थे।

गृह मंत्रालय ने पहचान की है कि ये घोटाले सीमा पार अपराध सिंडिकेट द्वारा संचालित होते हैं, जो उन्हें एक बड़े, संगठित ऑनलाइन आर्थिक अपराध नेटवर्क का हिस्सा बनाता है। वास्तव में साइबर सुरक्षा परिदृश्य में सुधार के लिए भारत में कई पहलें और नीतियां अपनाई गई हैं, लेकिन ये प्रयास अभी अपर्याप्त हैं, क्योंकि भारत को तकनीकी कर्मचारियों, साइबर फोरेंसिक सुविधाओं, साइबर सुरक्षा मानकों और विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

साथ ही भारत की पुरानी पड़ चुकी साइबर सुरक्षा अवसंरचना, नीतियां और जागरूकता हैकर्स के लिए सिस्टम में अंतराल एवं कमजोरियों का लाभ उठाना आसान बनाती है। ऐसे में पीएम मोदी ने देशवासियों को ‘रूको, सोचो और एक्शन लो’ का मंत्र देकर ठीक ही कहा है कि समाज में सबके प्रयासों से ही हम इस चुनौती का मुकाबला कर सकते हैं।