बरेली:तीन दिन बाद भी फरार कैदी को नहीं ढूंढ पाई पुलिस, अब 25 हजार का इनाम घोषित

तीन दिन पहले सेंट्रल जेल से फरार हो गया था हत्या का सजायाफ्ता कैदी

बरेली:तीन दिन बाद भी फरार कैदी को नहीं ढूंढ पाई पुलिस, अब 25 हजार का इनाम घोषित

बरेली, अमृत विचार। सेंट्रल जेल के कृषि फार्म से फरार कैदी हरपाल का तीन दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लगा है। लिहाजा पुलिस और जेल प्रशासन की नींद हराम हो गई है। अब फरार कैदी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है। रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फरार आरोपी की तलाश में टीमें लगी हुई हैं।

दरअसल फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र के खनी नवादा गांव निवासी हरपाल (46) हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे जिला जेल से जुलाई 2023 में सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। कैदी हरपाल ट्रैक्टर चलाना बखूबी जानता था। जिसे देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे जेल से कृषि फार्म में काम करने के लिए लगाया था। बीते गुरुवार को कृषि फार्म में ट्रैक्टर से जुताई करते समय फरार हो गया था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए जेल की चार टीमें और पुलिस समेत एसओजी की टीम लगाई गई है। लेकिन, कैदी का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। जेल प्रशासन का मानना है कि कैदी बिना रुपयों के यहां से फरार हुआ। लेकिन, अभी तक उसका सुराग न लग पाना साफ करता है कि बाहर कैदी का कोई मदद कर रहा है। ऐसे में कैदी की गिरफ्तारी के बाद उसकी मदद करने वाले पर भी कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि फरार कैदी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है, कैदी की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगी हुई हैं।

छह जेल कर्मियों के बयान हुए दर्ज
इधर जेलर नीरज कुमार ने थाना इज्जतनगर में कैदी हरपाल के साथ जेल वार्डर प्रथम अजय कुमार, कृषि फार्म के सुपरवाइजर अनिल कुमार और लिपिक धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम ने जेल वार्डर अजय कुमार को निलंबित कर दिया है। साथ ही सुपरवाइजर और लिपिक के खिलाफ जांच बैठाई है। जांच के बाद दोनों पर कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने छह जेल कर्मियों का बयान दर्ज किए। हैरानी की बात यह है कि कैदी के फरार होने के बाद से अभी तक इज्जतनगर पुलिस सेंट्रल जेल में एक भी बार जांच के लिए नहीं पहुंची है।

जेल कर्मचारियों ने उड़ाईं नियमों की धज्जियां
जांच में सामने आया कि कैदी हरपाल को जेल प्रशासन ने सभी नियमों को ताक पर रख कर जेल के बाहर कार्य करने के लिए निकाला था। आजीवन कारावास की सजा होने पर 10 साल सजा काटने के बाद भी कैदी को जेल परिसर के बाहर कार्य करने के लिए भेजा जा सकता है। जेल की टीम और इज्जतनगर पुलिस टीम कैदी की गिरफ्तारी के लिए लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।

जानिए क्या बोले जेल के अधिकारी
सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम ने बताया कि सेंट्रल जेल के कैदी हरपाल को कृषि फार्म में काम के लिए बाहर निकाला गया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। छह जेल कर्मियों की और बयान दर्ज किए गए हैं। जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।