हरियाणा सरकार की बड़ी कार्रवाई: कृषि विभाग के 24 अधिकारियों को किया निलंबित, जानें वजह

हरियाणा सरकार की बड़ी कार्रवाई: कृषि विभाग के 24 अधिकारियों को किया निलंबित, जानें वजह

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने अपने-अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में कथित विफलता को लेकर 24 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में 20 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था। आदेश में उल्लेख किया गया है कि अधिकारियों को प्रशासनिक आधार पर निलंबित किया गया है। 

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में इन अधिकारियों की कथित विफलता के कारण कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि उनके इलाकों में पराली जलाने के मामले ज्यादा पाए गए हैं। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनमें नौ जिलों-जींद, पानीपत, हिसार, कैथल, करनाल, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र, सोनीपत और अंबाला के कृषि निरीक्षक, पर्यवेक्षक और कृषि विकास अधिकारी शामिल हैं।

पत्रकारों ने मंगलवार को यहां जब हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा से 24 अधिकारियों को निलंबित किए जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘कारण यह है कि पराली नहीं जलाई जानी चाहिए।’’ राणा ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 3,000 मामले दर्ज किए गए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के मद्देनजर अधिकारियों द्वारा सख्ती की जा रही है, राणा ने कहा कि हर सरकार शीर्ष अदालत के आदेशों का पालन करती है।

उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने के दोषी लोगों पर मुकदमा न चलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकारों की खिंचाई की थी, जबकि राज्य के मुख्य सचिवों को स्पष्टीकरण के लिए 23 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मैश की पीठ ने दोनों राज्यों की ओर से ‘पूर्ण असंवेदनशीलता’ बरते जाने का जिक्र किया और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफलता के लिए दोनों सरकारों के अधिकारियों पर कार्रवाई करने का वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को निर्देश दिया।

राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का एक बड़ा कारक पराली का जलाया जाना है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के कारणों में से एक के रूप में भाजपा शासित हरियाणा में जलायी जाने वाली पराली (धान की पराली) को जिम्मेदार ठहराने पर राणा ने कहा कि यह प्रचारित किया जा रहा है कि अकेले किसान ही प्रदूषण का कारण हैं। जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली की सरकार हरियाणा को दोषी ठहरा रही है, तो राणा ने कहा, ‘‘आप दिल्ली और पंजाब, दोनों जगह शासन कर रही है। लेकिन वे पंजाब में अपनी पार्टी की सरकार को कुछ नहीं कहेंगे।’’

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