शाहजहांपुर: जीआईसी का जर्जर छात्रावास होगा ध्वस्त, बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी

वर्तमान में अनुपयोगी है हजारों वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला छात्रावास भवन

शाहजहांपुर: जीआईसी का जर्जर छात्रावास होगा ध्वस्त, बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी

शाहजहांपुर, अमृत विचार। खिरनीबाग चौराहा-कचहरी मार्ग स्थित राजकीय छात्रावास के अनुपयोगी जर्जर भवन के स्थान पर डिजिटल लाइब्रेरी कम स्टडी सेंटर का निर्माण कराए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले समय में हजारों वर्ग मीटर में फैले जर्जर भवन के स्थान पर डिजिटल लाइब्रेरी संचालित होती दिखने लगेगी। शासन के इस निर्णय से छात्र-छात्राओं के साथ स्थानीय नागरिकों को भी बहुत लाभ होगा।

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शासन ने प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों और राजकीय हाईस्कूल में संसाधनों की वृद्धि, गुणवत्तापरक शिक्षा, पाठ्य सहगामी तथा पाठ्येत्तर गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दीर्घकालीन आवर्ती व्यय के लिए विद्यालयवार भूमि एवं भवन का आगामी आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए अवशेष भूमि का सदुपयोग किए जाने का निर्णय लिया है। साथ ही इन गतिविधियों के अलावा स्थानीय आवश्यकता, विद्यार्थियों के शैक्षिक हित, खेल, वैज्ञानिक प्रतिभा विकास एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए भी कार्य कराए जाएंगे, जिनसे विद्यालय की आय में वृद्धि भी हो सके। इन गतिविधियों में मुख्य रूप से मिनी स्टेडियम का निर्माण, बागवानी/नर्सरी केंद्र की स्थापना, कौशल विकास केंद्र, डिजिटल पुस्तकालय, ऑनलाइन परीक्षा केंद्र, बहुउद्देशीय ऑडिटोरियम, नक्षत्रशाला/वेधशाला आदि का निर्माण शामिल है।

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डीएम ने किया जर्जर छात्रावास का निरीक्षण
इस महत्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए है कि राजकीय इंटर कालेज एवं राजकीय हाईस्कूलों की निर्धारित मानक के अतिरिक्त भूमि का चिन्हांकन करा लिया जाय। साथ ही अनुपयुक्त भूमि पर स्थानीय आवश्यकता एवं मांग के अनुरूप रिपोर्ट तैयार कराकर नजरी नक्शा के साथ 15 दिन के अंदर उपलब्ध कराई जाए। इस संबंध में मंगलवार को डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने नगर मजिस्ट्रेट प्रवेंद्र कुमार और डीआईओएस हरिवंश कुमार के साथ खिरनीबाग चौराहा स्थित राजकीय छात्रावास के जर्जर भवन का निरीक्षण कर उन्होंने जर्जर छात्रावास का ध्वस्तीकरण कराकर उसके स्थान पर डिजिटल लाइब्रेरी कम स्टडी सेंटर का निर्माण कराए जाने से संबंधित कार्यवाही के निर्देश डीआईओएस को दिए। इस दौरान जीआईसी प्रधानाचार्य अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।

तो इसलिए जरूरी है डिजिटल लाइब्रेरी
डीएम ने अनुमानित तीन से चार हजार वर्ग मीटर वाले जर्जर छात्रावास का ध्वस्तीकरण कराकर उसके स्थान पर जनपद की आवश्यकता को देखते हुए डिजिटल लाइब्रेरी कम स्टडी सेंटर का निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया। इसके पीछे मंशा यह है कि वर्तमान संचार क्रांति के दृष्टिगत प्रत्येक जनपद में डिजिटल लाइब्रेरी की आवश्यकता अधिक होगी, इसलिए डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से स्थानीय नागरिकों और छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन की सुविधा मिल सकेगी। 

डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति
जिला स्तर पर अवशेष भूमि और परियोजना के चयन के लिए आठ सदस्सीय समिति गठित की गई है। डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति में सीडीओ को उपाध्यक्ष, डीआईओएस को सदस्य सचिव नामित किया गया है। इनके अतिरिक्त संबंधित राजकीय विद्यालय का प्रधानाचार्य, जिला क्रीड़ा अधिकारी, जिला समन्वयक, कौशल विकास मिशन, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र और जिला उद्यान अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है।

697वर्ष 1885 के आसपास बना था छात्रावास भवन
महानगर स्थित राजकीय इंटर कालेज और उसका छात्रावास अंग्रेजों के समय का बना हुआ है। इसका निर्माण वर्ष 1885 के आसपास हुआ। इस आशय की जानकारी देते हुए जीआईसी प्रधानाचार्य अनिल कुमार ने बताया कि संबंधित छात्रावास कालेज के समय में ही बना होगा। कालेज निर्माण के पत्थर में वर्ष का उल्लेख मिलता है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि इसी छात्रावास के भवन में वर्ष 2008 से पहले जिला विद्यालय निरीक्षक और विभागीय लेखा कार्यालय भी संचालित होता रहा है। कचहरी मार्ग के पश्चिमी भाग में स्थित टीचर्स कालोनी में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय भवन का निर्माण हो जाने से छात्रावास खाली करा लिया गया था। वर्तमान में छात्रावास के दक्षिणी हिस्से में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से एक छात्रावास संचालित भी है, 17 कमरों वाले इस छात्रावास में लगभग 50 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। आधा भाग जर्जर खड़ा है, जिस पर डिजिटल लाइब्रेरी कम स्टडी सेंटर बनाने की कार्यवाही शुरू हो चुकी है।

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