देहरादून: साउथ सुपरस्टार मोहन बाबू ने 'कन्नप्पा' के प्रमोशन के लिए उत्तराखंड में किया आगाज

देहरादून: साउथ सुपरस्टार मोहन बाबू ने 'कन्नप्पा' के प्रमोशन के लिए उत्तराखंड में किया आगाज

देहरादून, अमृत विचार। साउथ फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध खलनायक मोहन बाबू अपनी आगामी फिल्म 'कन्नप्पा' के प्रमोशन के लिए देवभूमि उत्तराखंड पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि साउथ की फिल्म इंडस्ट्री अपने दर्शकों को कभी नहीं भूली है, और यही वजह है कि साउथ की फिल्में आज पूरे देश में दर्शकों द्वारा सराही जा रही हैं। इसके विपरीत, उन्होंने यह भी कहा कि बॉलीवुड में निर्माता अपने दर्शकों की जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं।

फिल्म 'कन्नप्पा' का संक्षिप्त परिचय

फिल्म 'कन्नप्पा' एक धर्म आधारित फिल्म है, जिसमें मोहन बाबू के अलावा साउथ के सुपरस्टार प्रभास और मोहनलाल तथा बॉलीवुड के मिस्टर खिलाड़ी अक्षय कुमार भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे। मोहन बाबू ने बताया कि यह फिल्म एक ऐतिहासिक व्यक्ति की कहानी है, जिसे 'दुनिया का पहला नेत्रदाता' माना जाता है। इस व्यक्ति ने अपनी आंखें भगवान शिव को दान कर दी थीं, जो उनकी असीम भक्ति का प्रतीक है।

फिल्म की शूटिंग की लोकेशन

फिल्म की शूटिंग न्यूजीलैंड की खूबसूरत वादियों में की गई है। विष्णु मांचू, मोहन बाबू के बेटे, ने कहा कि दूसरी शताब्दी में भारत की छवि को सही रूप में दर्शाने के लिए यह स्थान चुना गया है। उन्होंने यह भी बताया कि यह फिल्म उनके परिवार का एक लंबा सपना है, जिसे वे साकार करने में सफल हुए हैं।

कहानी की गहराई

निर्देशक मुकेश कुमार सिंह ने फिल्म 'कन्नप्पा' की कहानी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म एक पौराणिक योद्धा की यात्रा को दर्शाती है, जिसे भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। कहानी एक शिकारी से योद्धा बनने और फिर संत की उपाधि प्राप्त करने की है, जिसमें कन्नप्पा ने स्वेच्छा से अपनी आंखें बंद कर भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया और भक्तों के बीच पूजनीय बन गए।

रिलीज की तारीख और दर्शकों की अपेक्षाएं

फिल्म 'कन्नप्पा' की रिलीज 2025 की गर्मियों में होने की योजना है। मोहन बाबू ने दर्शकों से फिल्म को देखने की अपील की और भरोसा जताया कि यह फिल्म उनके दिलों में एक विशेष स्थान बनाएगी। उन्होंने कहा कि दर्शकों को जड़ों और गांव से जुड़ी कहानियों का अनुभव देना जरूरी है, और यह फिल्म उसी दिशा में एक प्रयास है। मोहन बाबू की इस यात्रा ने न केवल उत्तराखंड में फिल्म 'कन्नप्पा' के प्रति उत्साह बढ़ाया है, बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री की ताकत और दर्शकों के साथ उसके संबंधों को भी एक बार फिर से स्पष्ट किया है।

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