प्रयागराज: पापा से मिले जेब खर्च से सातवीं के छात्र ने तैयार किया रावण का पुतला

पिछले पांच वर्षो से बना रहे पुतला

प्रयागराज: पापा से मिले जेब खर्च से सातवीं के छात्र ने तैयार किया रावण का पुतला

प्रयागराज, अमृत विचार। विजयदशमी पर्व की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। ऐसा उत्साह पहली बार देखने को मिल रहा है जहां पिता से मिलने वाले जेब खर्च को बचाकर रावण का पुतला तैयार किया गया हो। जी हां प्रयागराज में ऐसे ही होनहार सातवीं के छात्र प्रांजल सोनकर ने अपनी लगन और मेहनत से कर कुछ कर दिखाया है। प्रांजल के जेब खर्च को बचाकर एक रावण के पुतले को तैयार किया है। प्रांजल अपने मोहल्ले में बिना किसी कमेटी या सहयोग के पुतला तैयार किया है। जिसका दहन किया जाएगा। 

प्रांजल ने बताया कि विजयदशमी पर्व पर तमाम कमेटियां रामलीला के बाद रावण दहन के लिए तैयारी करते थे। रावण का पुतला तैयार कराते थे। जिस देखकर उसके।मन में भी इच्छा जाहिर हुई और वह रावण के पुले को दहन करने की तैयारी करने लगे। हलाकि इस काम के लिए उसे सभी मना करते थे, लेकिन वह अपने मोहल्ले में एक अलग रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करना चाहता था। इसकी शुरुआत प्रांजल ने पांच साल पहले की थी। तब से लगातार प्रांजल रावण का पुतला बनाते आ रहे है।  

पहली बार में हुई काफी परेशानियां
प्रांजल ने बताया कि पहले बार में काफी परेशानियां का सामना करना पड़ा था। रावण का स्वरूप तैयार करने में बड़ी मुशकिल से सामग्रियां इकट्ठा हो पा रही थी। लेकिन धीरे-धीरे पता चल गया कि रावण को पुतले को तैयार करने के लिए किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता होती हैं। पुतले को बनाने के लिए बांस, पेपर समेत कई अन्य समान को जुटाना पड़ता है। 

किन सामग्रियों से तैयार होता है पुतला
प्रांजल ने बताया किपुतले को बनाने के लिए बांस तो आसानी से पास मिल जाता है। इसके बाद रद्दी पेपर और रस्सी थर्माकोल कपड़े के साथ अन्य सामान की मदद से पुतला तैयार करता हूं।

एक से कर अधिक समय में तैयार होता है पुतला
रावण के पुतले को तैयार करने के लिए एक महीने का समय लगा जाता है। पुतले को तैयार करने को लेकर कई बार स्कूल और कोचिंग की पढ़ाई को भी छोड़ना पड़ता है।  इस बार तो परीक्षा को भी छोड़ना पड़ गया था।  परीक्षा छोड़ देने की वजह से घर में पापा और मम्मी काफी ज्यादा नाराज थे। लेकिन  बाद में पुतले को तैयार होतादेख सारी नाराजगी दूर हो गई थी। प्रांजल ने बताया कि रावण के पुतले को खुद से तैयार करके दहन करने में जो खुशी और आनंद मिलता है वह किसी दूसरे पुतले को देखकर नहीं मिलता है।

जेब खर्च से बचाता हूं पैसे
प्रांजल ने बताया कि घर से मिलने वाले खर्च को धीरे-धीरे में एकत्र करता रहता हूं। पैसे इकट्ठे होने के बाद पुतले को बनाने के लिए सारे सामग्रियों को खरीदता हूं। जो पैसे होते है उससे सामान जुटाकर घर से दूर रखता हूं। पुतले को बनाने के लिए किसी से पैसे नहीं मांगता हूं।  प्रांजल ने बताया कि रावण का पुतला बनाते हुए उसे 5 साल बीत चुके है। प्रांजल ने बताया कि इस पुतले को बनाने का सिर्फ इतना उद्देश्य है कि बुराई पद रास्ते को छोड़कर सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चले, क्योंकि बुराई का अंत सुनिश्चित है।

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