जामसाहब का हुआ ऐलान, पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा होंगे जामनगर राजघराने के वारिस, जानें इस राजवंश का इतिहास

जामसाहब का हुआ ऐलान, पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा होंगे जामनगर राजघराने के वारिस, जानें इस राजवंश का इतिहास

जामनगर। टीम इंडिया पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा को नवानगर का अगला तत्कालीन जामसाहब घोषित किया गया। नवानगर के तत्कालीन जामसाहब शत्रुशल्य सिंह महाराज ने शुक्रवार रात एक बयान जारी किया। 53 वर्षीय अजय जडेजा ने भारत के लिए 15 टेस्ट मैच और 196 एकदिवसीय मैच खेले हैं। वह शाही जामनगर परिवार के वंशज हैं। उनका जन्म 1971 में जामनगर में हुआ था, जिसे पहले नवानगर के नाम से जाना जाता था। उनके पिता दौलत सिंह जी जडेजा, शत्रु साल्य सिंह जी के चचेरे भाई हैं।

शत्रु शल्य सिंह महाराज ने कहा, "दशहरा वह दिन है जिस दिन पांडवों ने 14 वर्ष का अज्ञातवास सफलतापूर्वक पूरा करके विजय का अनुभव किया था। आज मैं भी विजयी महसूस कर रहा हूं, क्योंकि अजय जडेजा ने मेरे उत्तराधिकारी और नवानगर का अगला जाम साहब बनना स्वीकार किया है, जो मैं सचमुच जामनगर के लोगों के लिए एक बड़ा वरदान मानता हूं।" उन्होंने यह जिम्मेदारी स्वीकार करने के अजय जडेजा को धन्यवाद भी कहा। 

जामनगर राजघराने का इतिहास

जामनगर के राजघराने का इतिहास जडेजा वंश के राजा जाम रावल से जुड़ा है। उन्होंने 1540 ईस्वी में नवनगर रियासत की स्थापना की थी। उन्होंने दो नदियों रंगमती और नागमती के किनारे एक किला और महल को साथ देवी आशापुरा का मंदिर बनवाया था। जाम रावल के साथ 36 तरह के राजपूत कच्छ से जामनगर आए थे। जाम रावल जाम हाला के वंशज थे, इसलिए इस क्षेत्र को 'हालार' कहा जाता था। स्थानीय भाषा में 'जाम' शब्द का मतलब होता है 'सरदार'। जाम साहब के खिताब का इस्तेमाल सबसे पहले जाम रावलजी जडेजा ने किया था। जामनगर को पहले पीतल नगरी के नाम से जाना जाता था। जामनगर में भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के लिए बेस स्टेशन हैं। यहां चार प्रसिद्ध संगमरमर जैन मंदिर भी हैं।

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