Kanpur Nagar Nigam में विज्ञापन घोटाला, एजेंसी डकार गई 6.46 करोड़...ताख पर रखे गए नियम, ऐसे पकड़ा गया मामला

यूनीपोल और यूरिनल पर विज्ञापन प्रदर्शित किए लेकिन नगर निगम के खाते में नहीं जमा किया धेला

Kanpur Nagar Nigam में विज्ञापन घोटाला, एजेंसी डकार गई 6.46 करोड़...ताख पर रखे गए नियम, ऐसे पकड़ा गया मामला

कानपुर, अमृत विचार। नगर निगम में सब कुछ गड़बड़ घोटाला है। अब शहर में विज्ञापन लगाने में बड़ा हेरफेर और फर्जीवाड़ा सामने आया है। नगर निगम से पंजीकृत एजेंसी ने बिना नवीनीकरण कराए और अनुमति लिए बिना वित्तीय वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 में अब तक शहर में विज्ञापन तो खूब लगाए, लेकिन उसके बदले वसूली गई धनराशि जमा नहीं की।

एजेंसी धड़ल्ले से यूनीपोल और यूरिनल पर विज्ञापन लगाकर विज्ञापनदाताओं से पैसा वसूलती रही और नगर निगम भी आंखों पर पट्टी बांधे बैठा रहा। मंडलायुक्त के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी की जांच में मामले का पर्दाफाश हुआ है। नगर निगम में प्रभारी अधिकारी विज्ञापन के अनुसार कंपनी ने 6.46 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।

कानपुर स्मार्ट सिटी ने बीओटी मॉडल पर 50 यूरिनल स्थापित किए थे। इनका रखरखाव एवं संचालन विज्ञापनों से होने वाली आय से किया जाना है। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने पिछले दिनों विकासकर्ता के साथ हुए अनुबन्ध के मुताबिक यूरिनल संचालन एवं रखरखाव की गुणवत्ता के साथ उन पर लगाए गये विज्ञापनों की वैधता की जांच के निर्देश दिये थे।

मंडलायुक्त के निर्देश पर इस मामले की त्रि-सदस्यीय समिति ने जांच की तो सामने आया कि मेसर्स एक्सिलेन्ट इंटरटेनमेंट नेटवर्क्स ने नगर निगम सीमा में कुल 102 यूनीपोल व गैन्ट्री पोल स्थापित किए। लेकिन इनकी कोई अनुमति तथा स्वीकृति विज्ञापन विभाग से नहीं ली गई। नगर निगम के अनुसार फर्म  विज्ञापन एजेंसी के रूप में पंजीकृत है, लेकिन उसने कई वर्षों से नवीनीकरण नहीं कराया है।

7.87 करोड़ में जमा किए महज 1.41 करोड़

प्रभारी अधिकारी विज्ञापन ने बताया कि जांच में सामने आया है कि फर्म द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर 50 होर्डिंग-यूनीपोलों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2022-23 तक प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। संस्था पर 4,31,65,250 रुपये विज्ञापन (अनुज्ञा) शुल्क निर्धारित होता है। लेकिन संस्था ने महज 1,41,08,201 रुपये निगम में जमा किए। इस तरह 2,90,57,049 रुपये जमा नहीं किए गए। इसके अतिरिक्त स्मार्ट सिटी के बीओटी मॉडल के 50 यूरिनल का रखरखाव एवं संचालन विज्ञापनों के बदले करने के लिए लगाये गए 102 यूनीपोल पर फर्म ने विज्ञापन करके वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में 3,55,81,568 रुपये डकार लिए। इस तरह कुल 6.46 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।

विज्ञापन नियमों को भी धज्जियां उड़ाईं

फर्म ने नगर निगम सीमा में स्थल चयन समिति की स्वीकृति के बिना नियम विरुद्ध 12 प्रमुख चौराहों पर 50 मीटर के भीतर यूनीपोल स्थापित किए। फर्म द्वारा स्थापित यूनीपोल और विज्ञापन संरचना के पोल पर पोस्टर एवं पम्फलेट्स चस्पा किये जाते रहे जिससे उनका रंग विकृत हो गया।  विज्ञापन विभाग के अनुसार नियम है कि पोल की ऊंचाई 6.2 मीटर व चौड़ाई 12.4 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिये। दो यूनीपोल की दूरी 50 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए तथा दृढता संबंधी रिपोर्ट एवं संरचना का बीमा अनिवार्य है, लेकिन फर्म ने विज्ञापन विभाग में इस बारे में कुछ भी प्रस्तुत नहीं किया। प्रभारी अधिकारी विज्ञापन राजेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट नगर आयुक्त व अपर नगर आयुक्त को सौंप दी गई है।

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