टाइम सिटी ग्रुप ने लगाया चूना, निवेशकों का विरोध प्रदर्शन : निवेशकों ने गंवाए 56 लाख रुपये, अब निदेशक फरार 

टाइम सिटी ग्रुप ने लगाया चूना, निवेशकों का विरोध प्रदर्शन : निवेशकों ने गंवाए 56 लाख रुपये, अब निदेशक फरार 

बाराबंकी, अमृत विचार : निवेश करने पर तय समय में दोगुना पैसा, पैसा न वापस लेने पर प्लाट देने के फेर से दर्जनों फंस गए। करीब 56 लाख रुपये से अधिक की चोट खाए टाइम सिटी ग्रुप के निवेशकों ने बुधवार को एसपी से शिकायत की व कोतवाली के बाहर प्रदर्शन भी किया। ठगी के शिकार पीड़ितों ने पुलिस से निदेशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। टाइम सिटी के निदेशकों पर करोड़ों की ठगी का आरोप लगाते हुए दो दर्जन शिकायतकर्ताओं ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की।

शिकायती पत्र देकर ग्रुप के निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं शहर काेतवाली के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। पीड़ित हरिराम, मिथिलेश और माया तिवारी समेत अन्य ने बताया कि टाइम सिटी ग्रुप के निदेशकों ने निवेश करने पर तय समय में दो गुना कर रुपया देने का लालच दिया। यह भी कहा कि रुपया वापस न लेने पर उतनी कीमत का प्लाट दे दिया जाएगा। यहीं नहीं उन लोगों को एजेंट बनाकर अन्य लोगों से भी निवेश करवाया। समय पूरा होने पर अदायगी की मांग उठी तो निदेशक हाथ खड़े करने लगे। टाल मटोल किया गया पर धनवापसी नहीं की गई। इन लोगों ने कंपनी में 56 लाख 23 हजार रुपया निवेश किया था। पीड़ितों ने टाइम सिटी ग्रुप के चेयरमैन पंकज कुमार पाठक समेत 12 लोगों पर ठगी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीओ सदर को सौंपी गई है। जांच में जो भी तथ्य निकलकर सामने आयेंगे। उसके मुताबिक मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।

नक्शा बनवाए बिना ही कर डाली प्लाटिंग

3 अक्टूबर को एसडीएम नवाबगंज ने ग्राम दारापुर में जिस एएसआर ग्रीन सिटी की अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कराया, उसके संचालकों ने जिला पंचायत से नक्शा भी नहीं पास करवाया था। अव्वल तो नक्शा पास नहीं करवाया दूसरे सरकारी जमीन पर ग्रीन सिटी का बोर्ड खड़ा कर दिया। इस काम में ग्रीन सिटी के जिम्मेदारों, जिला पंचायत और राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जिला पंचायत से नक्शा लिए बिना ही प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ यहां के जिम्मेदार अधिकारियों को एक्शन लेना चाहिए।

सरकारी जमीन पर निर्माण की बात न सामने आती तो इस ग्रुप की हर दर्जे की मनमानी सामने न आती। वहीं इस ग्रुप के जिम्मेदार अभी पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहे हैं। जमीन के कारोबार में धोखाधड़ी के खेल का यह एक और उदाहरण है। जिला पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी राजेश सिंह ने पुष्टि की कि इस ग्रुप ने जिला पंचायत से नक्शा नहीं बनवाया था।

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