Etawah: सूर्पनखा बनी श्री राम-रावण युद्ध की सूत्रधार; यहां पढ़ें...सूर्पनखा के बारे में रोचक प्रसंग

Etawah: सूर्पनखा बनी श्री राम-रावण युद्ध की सूत्रधार; यहां पढ़ें...सूर्पनखा के बारे में रोचक प्रसंग

मधुसूदन यादव, इटावा। अंतरर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त यहां की मैदानी रामलीला में जब युद्धक लीलाये प्रारंभ होती हैं तो सूर्पनखा का किरदार दर्शकों को खूब लुभाता है विशेषकर बच्चों को। नासिका भंग हो जाने के बाद सूर्पनखा जब तक लंकाधिपति रावण का कुनबा युद्ध में खत्म नहीं हो जाता तब तक वह युद्धक मैदानी लीलाओं में अपने भाइयों भतीजे और रावण सेना का युद्ध मैदान में कूदने से पहले और लड़ाई के दौरान आरती उतार कर उत्साहवर्धन करती है।

हाथ में लिए फटे हुए बांस के डंडे को जब वह मारती है तो उसकी तेज आवाज से लोग इधर-उधर भाग खड़े होते हैं। कई दर्शकों के बीच जाकर किसी छोटे बच्चों को उठा लाती है और उससे शरारत करती है तो कभी रावण और अपने भाइयों को खुश करने के लिए उपस्थित दर्शकों में से किसी को उनके सामने लाकर उनकी सेना में शामिल करने और दंडवत करने के लिए बाध्य करती है।

सूर्पनखा का अभिनय दर्शकों को खूब भाता है और मैदानी लीला में आकर्षण का केंद्र बन लीलाओ में चार चांद लगाता है। सूर्पनखा जिधर जाती है मेला देखने आए बच्चे उसके पीछे-पीछे हो लेते हैं। सूर्पनखा का दमदार अभिनय स्थानीय कलाकार संजू मसाले वाले कई वर्षों से निभाते आ रहे हैं। 

सूर्पनखा के बारे में रोचक प्रसंग 

सूर्पनखा रावण, कुम्भकरण और विभीषण की बहन एवं ऋषि विश्रवा और कैकसी की पुत्री थी। सूप जैसे नाखून होने के कारण उसका नाम सूर्पनखा पड़ा। उसके अन्य नाम मीनाक्षी, दीक्षा और चंद्रनखा भी हैं। उसने कालकेय दानव कबीले के राजकुमार विद्युतजिह्वा से चुपचाप शादी कर ली।यह कबीला रावण का विरोधी था। रावण को जब यह पता चला तो उसने अपने बहनोई और शत्रु विद्युतजिह्वा को मारने पर उतारू हो गया। लेकिन अपनी पत्नी मन्दोदरी के समझाने पर उसे ना मारने की शर्त को मान गया।सूर्पनखा का पति विद्युतजिह्वा ने रावण को मारने के लिए ही उसकी बहन सूर्पनखा से शादी की थी। 
      
रसातल को जीतने के दौरान रावण अपनी बहन से मिलने गया और उस समय उसकी बहन वहाँ नहीं थी। उसी समय उसे विद्युतजिह्वा के उसकी बहन से शादी करने का उद्देश्य पता चल गया। विद्युतजिह्वा ने रावण पर आक्रमण कर दिया और इस युद्ध में उसका पति रावण के हाथों मारा गया। अपने पति के मृत्यु के बाद सूर्पनखा लंका छोड़कर में अपने भाई खर दूषण के साथ रहने लगी।

राम जब दंडकारण्य में अपने वनवास के दौरान आये तो इसने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा। वहीं पर लक्ष्मण ने उसकी नाक-कान काट दिया,अपमानित होकर वह रावण के पास गयी और रावण ने मारीच की मदद से सीता हरण किया। राम रावण के बीच युद्ध हुआ और रावण मारा गया। 

कुछ अन्य वर्णन 

कुछ अन्य रामायणों में यह भी कहा गया है कि सूर्पनखा वास्तव में राम से शादी नहीं करना चाहती थी। उसने कुछ इस प्रकार की योजना बनाई ताकि वह राम से अपने भाई की शत्रुता करवा सके और अपने पति की हत्या का बदला रावण से ले सके। कंबन ऋषि ने अपनी रामायण में एक सुन्दर स्त्री के रूप में चित्रित किया है। 

उसकी आँखे सुन्दर और मछलियों के जैसी थी जो उसके मिनाक्षी नाम को सत्यापित करता है। वह आसुरी विद्या में माहिर थी और कोई भी रूप धारण कर सकती थी। पहले तो राम ने उसे बहुत समझाया लेकिन जब वह नहीं मानी तब उन्होंने उसके शादी के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुये लक्ष्मण को उसका नाक काटने का आदेश दे दिया. यह प्रकरण रामायण का एक टर्निंग पॉइंट है....

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