हल्द्वानी: रिंग रोड प्रोजेक्ट फिर ‘घूमा’, पांच विकल्पों पर मंथन
हल्द्वानी, अमृत विचार। मुख्यमंत्री की घोषणा पेरिफेरल रिंग रोड को लेकर उपजे विवाद के खात्मे के लिए प्रशासन और लोनिवि भी कूद गया है। प्रशासन व लोनिवि के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि रिंग रोड के सेक्टर-एक को लेकर पांच विकल्प हैं, जिन पर सर्वे चल रहा है। यह सर्वे दो माह में पूरा होगा। इसमें जिस विकल्प से ग्रामीणों को नुकसान नहीं होगा, उसे चुना जाएगा।
शनिवार को तहसील स्थित एनआईसी भवन में हुई प्रेस वार्ता में एसडीएम परितोष वर्मा व लोनिवि ईई अशोक चौधरी ने बताया कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2017 में इसकी घोषणा की थी। फिर चार सेक्टर्स में बनने वाली रिंग रोड का वर्ष 2017 में फिजिबिलिटी सर्वे कराया गया, जो 2018 में पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि सात वर्ष पूर्व रोड का एलाइनमेंट हुआ था, लेकिन तब से अब तक बहुत बदलाव हो गया। इस वजह से एलाइनमेंट की पहचान के लिए पेंट व पिलर्स लगाए गए हैं ताकि एलाइनमेंट का ध्यान रखा जा सके। यह रिंग रोड का अंतिम रूप नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी इस पर रोड बनना तय नहीं हुआ है। वहीं, रिंग रोड को लेकर आपत्तियां मांगी गई थीं, जिस पर 181 आपत्तियां मिली हैं। इनको शासन में भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सांसद अजय भट्ट, विधायक बंशीधर भगत और डीएम वंदना सिंह के निर्देशानुसार रिंग रोड को लेकर पांच विकल्पों पर मंथन चल रहा है। इन सभी विकल्पों पर सर्वे हो रहा है जिसमें एक-दो माह का समय लगेगा। इसके बाद जिस विकल्प में जनता को कम नुकसान होगा, उसको चुना जाएगा। इस दौरान एडीएम फिंचाराम चौहान, लालकुआं तहसीलदार युगल किशोर पांडे आदि मौजूद रहे।
ये हैं पांच विकल्प
1.सेक्टर-1 में आरओडब्ल्यू 45 मीटर निर्धारित किया गया था, इसमें हाईवे के साथ सर्विस रोड भी थी। डीएम ने इसको 30 मीटर करने का सुझाव दिया है। एलाइनमेंट 45 के बजाय 30 मीटर करने पर कितना नुकसान होगा, इसका सर्वे किया जा रहा है।
2.विधायक बंशीधर भगत ने भाखड़ा पुल, जंगल, बेलबाबा तक का विकल्प दिया है। इसमें लगभग 14 हजार पेड़ कटेंगे। वहीं रास्ता भी 18 किमी लंबा हो रहा है, जबकि एलाइनमेंट में 11:3 किमी है। इसका भी सर्वे हो रहा है।
3. डीएम ने फायरलाइन मार्ग को तिरछा ले जाने का सुझाव दिया है ताकि जंगल में नहीं जाना पड़े, ऐसा करने से मार्ग की लंबाई व कटने वाले पेड़ों की संख्या में कमी आएगी। इस पर भी सर्वे चल रहा है, ताकि पेड़ों की संख्या और मार्ग की लंबाई कम हो सके।
4.जंगल, नोवा स्टील, आनंदपुर से सीधे पंचायत घर जा सकते हैं, इसको बेलबाबा की ओर ले जाकर रामपुर रोड में नहीं मिलाएंगे।
5.वर्तमान में जो एलाइनमेंट हैं, उसमें 22 मीटर का आरओडब्ल्यू है और दोनों तरफ साढे़ तीन-साढ़े तीन मीटर चौड़ीकरण करना है। इसको घटाकर दो-दो मीटर कर सकते हैं। इससे भी नुकसान कम होगा और निजी, व्यवसायिक व कृषि भूमि के अधिग्रहण में कमी आएगी।
चार सेक्टर में बनेगी पेरिफेरल रिंग रोड
पेरिफेरल रिंग रोड चार सेक्टर में प्रस्तावित है। पहला सेक्टर, लामाचौड़-रेशम फार्म-आनंदपुर-गन्ना सेंटर, दूसरा सेक्टर फुटकुआं-मोटाहल्दू तक फोरलेन बनाना, तीसरा सेक्टर मोटाहल्दू से एनएच-309 से होते हुए गौलापुल से नरीमन चौक तक और चौथा सेक्टर गुलाबघाटी स्थित हनुमान मंदिर से पानियाली से जंगल से होते हुए फतेहपुर से कठघरिया से कालाढूंगी रोड तक मिलाना है।
नोटिस नहीं देने के आरोप निराधार
लोनिवि ईई अशोक चौधरी ने बताया कि प्रभावितों में कई ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि सर्वे से पूर्व नोटिस नहीं दिया गया है। उन्होंने इसको खारिज करते हुए कहा कि सात साल पूर्व हुए एलाइनमेंट के बाद अब नए निर्माण हो गए हैं जिसकी जानकारी लोनिवि को नहीं है इस वजह से किसी को नोटिस नहीं दिए गए हैं।
सचिव ने भी सेक्टर-4 का विकल्प खोजने के दिए निर्देश
लोनिवि सचिव ने भी रिंग रोड का सर्वे किया था, जिसमें उन्होंने सेक्टर चार के विकल्प के लिए कहा था। दरअसल, कॉलटैक्स-पनचक्की-चौफुला-कालाढूंगी के बजाय पनचक्की-चंबपुल-चौफुला-कठघरिया होते हुए कालाढूंगी रोड पर मिलाए। इससे 3.8 किमी कवरिंग हो रही है।
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